आतंकी तहव्वुर राणा का बड़ा कबूलनामा! मुंबई के 26/11 हमले में पाकिस्तानी सेना और ISI ने दिया था साथ, फायरिंग से पहले पवई के एक होटल में रुका था

Mumbai 26/11 Terror Attack: मुंबई में 26/11 आतंकी हमले के एक बड़े साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा ने पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. राणा को लंबे कूटनीतिक संघर्ष के बाद अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया था. अब मुंबई क्राइम ब्रांच की पूछताछ में उसने बताया है कि पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों की इस हमले में सीधी भूमिका थी. क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक, 64 साल के राणा ने माना है कि उसने डेविड कोलमैन हेडली की मदद की थी, जो 26/11 का मुख्य साजिशकर्ता था. राणा ने हेडली को छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (CST) जैसे प्रमुख और भीड़भाड़ वाले इलाकों की पहचान में सहयोग किया.

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पाक आर्मी से आतंकी तक का सफर

राणा ने बताया कि उसने 1986 में रावलपिंडी के आर्मी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया और कप्तान डॉक्टर के रूप में पाकिस्तानी सेना में कमीशन मिला. वह क्वेटा, बलूचिस्तान और सियाचिन जैसे संवेदनशील इलाकों में तैनात रहा. सियाचिन में पोस्टिंग के दौरान फेफड़ों में फ्लूइड भरने (Pulmonary Edema) की वजह से वह ड्यूटी से नदारद रहा. इसके कारण बाद में उसे "डिजर्टर" (Deserter) घोषित कर दिया गया.

राणा के अनुसार, पाक सेना ने उस पर भरोसा करते हुए गल्फ वॉर के दौरान एक गुप्त मिशन पर सऊदी अरब भेजा था. सेना से अलग होने के बाद वह जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका होते हुए कनाडा में बस गया. इसके बाद वहां मीट प्रोसेसिंग, रियल एस्टेट और ग्रॉसरी बिजनेस शुरू किया.

हेडली से पुरानी दोस्ती

राणा और हेडली की दोस्ती कैडेट कॉलेज हसन अब्दाल (1974-79) से शुरू हुई थी. हेडली, जिसकी मां अमेरिकी और पिता पाकिस्तानी थे, बाद में अमेरिका चला गया और वहीं से लश्कर-ए-तैयबा के लिए जासूसी करने लगा. राणा के मुताबिक हेडली ने 2003-04 में तीन बार लश्कर के ट्रेनिंग कैंप अटेंड किए. हेडली ने राणा को बताया था कि लश्कर एक जासूसी नेटवर्क की तरह काम करता है, ना कि सिर्फ एक आतंकी संगठन है.

हमले से पहले मुंबई में मौजूद था राणा

राणा ने माना कि 2008 में उसने एक फर्जी कंपनी "इमिग्रेंट लॉ सेंटर" के नाम पर भारत में एक ऑफिस खोला, जिसका संचालन एक महिला करती थी. यही ऑफिस हेडली और अन्य आतंकियों के सर्वे का अड्डा बना. वह खुद 20-21 नवंबर 2008 को मुंबई के पवई में एक होटल में रुका था और हमले से ठीक पहले बीजिंग होते हुए दुबई चला गया.

14 गवाहों ने राणा की भूमिका की पुष्टि की

क्राइम ब्रांच की 405 पन्नों की चार्जशीट में 14 गवाहों ने राणा की भूमिका की पुष्टि की है. पूछताछ में राणा ने साजिद मीर, अब्दुल रहमान पाशा और मेजर इकबाल जैसे पाकिस्तानी अधिकारियों को जानने की बात कबूली है. ये सभी 26/11 की साजिश में नामजद हैं.

राणा ने यह भी कहा कि आतंकी हमले की योजना में पाक सेना और ISI का पूरा समर्थन था. वह ISI और लश्कर-ए-तैयबा के साथ सक्रिय रूप से संपर्क में था.