मुंबई: करीब आठ महीने पहले महाराष्ट्र सरकार ने आंदोलन करने वाले किसानों को यह आश्वासन दिया था कि उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरी करने की कोशिश की जाएगी, लेकिन लगता है सरकार अपने इस वादे को भूल गई है, जिसे याद दिलाने के लिए एक बार फिर किसान सड़क पर उतर आए हैं. किसानों ने बुधवार को दो दिन का पैदल मार्च निकाला और आज वो विधानसभा का घेराव करने की तैयारी में हैं. बताया जा रहा है 20 हजार से भी ज्यादा किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा के बार प्रदर्शन करेंगे.
बता दें कि 20 हजार से भी ज्यादा किसानों ने बुधवार को ठाणे से दो दिनों का पैदल मार्च निकाला. इस मार्च में शामिल किसान और आदिवासी अपने खाने-पीने का सामान साथ लेकर चले हैं. किसानों के इस जनआंदोलन को मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित और भारत के जल पुरुष के नाम से मशहूर डॉ. राजेंद्र सिंह भी समर्थन दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस मार्च में शामिल ज्यादातर किसान ठाणे, भुसावल और मराठवाड़ा क्षेत्रों से हैं.
वहीं किसानों के इस जनआंदोलन को देखते हुए मुंबई पुलिस भी सतर्कता बरत रही है और सुबह के समय 9-10 बजे के दौरान ट्रैफिक की समस्या को लेकर मुंबईकरों को आगाह किया है.
Traffic in the vicinity of Azad Maidan will be marginally affected around 9 AM - 10 AM
— Mumbai Police (@MumbaiPolice) November 22, 2018
Commuters starting journey from South Mumbai using JJ flyover, Lalbagh flyover and Parel flyover towards Dadar are advised to avoid & use Slip Roads till 10 AM. Farmer’s agitation scheduled today.
Regular Traffic movement on Dr BA Road towards CST and on these flyovers.
— Mumbai Police (@MumbaiPolice) November 22, 2018
उधर, किसानों के इस प्रदर्शन का आयोजन करने वाले लोक संघर्ष मोर्चे के महासचिव का कहना है कि हमने राज्य सरकार से लगातार कहा है कि वे लंबे समय से चली आ रही हमारी मांगों को पूरा करें, लेकिन प्रतिक्रिया उदासीन रही है. यह भी पढ़ें: मुंबई: महाराष्ट्र सरकार की फिर से बढ़ सकती है मुश्किलें, अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरे हजारों किसान
किसानों की प्रमुख मांगे-
- स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू किया जाए.
- न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए व इसे लागू किया जाए.
- कर्ज माफी पैकेज का उचित तरीके से क्रियान्वयन किया जाए.
- किसानों के लिए भूमिअधिकार व खेतिहर मजदूरों को मुआवजा दिया जाए.
- कृषि उत्पादों का किसानों को दोगुना भाव मिले.
- वन अधिकार कानून पर अमल किया जाए.
- लोड शेडिंग की समस्या दूर की जाए और बिजली के बिल में छूट दी जाए.
गौरतलब है कि इस जनआंदोलन से पहले 12 मार्च को नासिक से मुंबई तक भारी तादात में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर पैदल मार्च किया था. बताया जा रहा है कि उस वक्त महाराष्ट्र सरकार ने उनकी सभी मांगों को जल्द से जल्द पूरी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक सरकार ने उन वादों पर अमल नहीं किया है.