केरल में गोल्ड स्मगलिंग (Kerala Gold Smuggling Case) मामले में सड़कों पर उतरे NSUI के कार्यकर्ता. कोच्ची में पुलिस कमिश्नर के दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन के साथ NSUI के कार्यकर्ताओं ने राज्य मंत्री के.टी. जलील (K. T. Jaleel) के इस्तीफे की मांग की. इस दौरान भीड़ को तितरबितर करने लिए पुलिस ने किया वाटर कैनन प्रयोग. गोल्ड स्मगलिंग केस को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. विरोधी दलों ने मौजूदा पिनराई सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. केरल की सड़कों पर कभी बीजेपी तो कभी कांग्रेस का प्रदर्शन जारी है. इससे पहले केरल स्टूडेंट्स यूनियन (KSU) के सदस्यों ने सोमवार को गोल्ड की तस्करी मामले में अपनी कथित संलिप्तता को लेकर राज्य मंत्री केटी जेलेल के इस्तीफे की मांग को लेकर तिरुवनंतपुरम में एक विरोध मार्च निकाला था.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में इस मामले में जलील का बयान दर्ज किया था, जिसके बाद उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए. राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन रविवार को भी देखा गया था. जहां कांग्रेस और बीजेपी के उनके इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शन किये, जबकि वहीं माकपा की प्रदेश इकाई ने केंद्रीय जांच एजेंसी की आलोचना करते हुए कहा कि उसका राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है.
ANI का ट्वीट:-
#Kerala: Police use water cannon on NSUI workers in Kochi during their protest march to the police commissioner's office demanding the resignation of minister KT Jaleel for his alleged role the #Keralagoldsmugglingcase. pic.twitter.com/8Gg7dEq6uv
— ANI (@ANI) September 16, 2020
जानें गोल्ड स्मगलिंग मामला कब और कैसे आया सामने
गोल्ड स्मलिंग केस तब सामने आया था जब तिरुवनंतपुरम में यूएई कांसुलेट के एक पूर्व कर्मचारी पी.एस. सरिथ को कस्टम के अधिकारियों ने 30 किलो सोना दुबई से केरल लाने में मदद करने के आरोप में पकड़ा था. ये मामला तब और बड़ा हो गया जब कांसुलेट की एक और पूर्व कर्मचारी स्वपना सुरेश, जो केरल सरकार की आईटी विभाग में पदस्थ थी, का नाम आया. उसका मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के प्रमुख सचिव एम. शिवशंकर से भी लिंक सामने आया था.