केरल: केरल के अलाप्पुझा जिले में एक 15 वर्षीय लड़के की दिमाग खाने वाले अमीबा के कारण मौत हो गई. प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस के रूप में जाना जाने वाला यह संक्रमण नेगलेरिया फाउलेरी के कारण होता है. पनायवली गांव के लड़के का सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा था और गुरुवार शाम को उसकी मौत हो गई.
एक सप्ताह पहले बुखार आने पर उसे स्थानीय क्लिनिक लाया गया था. रविवार को उसकी हालत बिगड़ गई और उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां उनमें संक्रमण का पता चला. लड़का अपने घर के पास एक तालाब में नियमित रूप से स्नान कर रहा था और डॉक्टरों ने कहा कि वह जलस्रोत में नेगलेरिया से संक्रमित हो गया. Viral Video: गजराज के साथ सेल्फी लेना चाहते थे युवक, गुस्साए हाथियों के झुंड ने कर दिया हमला
15-year-old dies due to brain-eating amoeba after taking bath in a stream
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— News9 (@News9Tweets) July 7, 2023
नेगलेरिया क्या है?
नेगलेरिया एक अमीबा, एककोशिकीय जीव है जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है. पहली बार यह 1965 में ऑस्ट्रेलिया में खोजा गया, यह आमतौर पर गर्म झरनों, नदियों और झीलों में पाया जाता है. अमीबा मिट्टी और गर्म ताजे पानी में रहता है और आम तौर पर जब कोई तैरता है या गोता लगाता है और ताजे पानी में सिर डुबोता है तो नाक के माध्यम से यह शरीर में प्रवेश कर जाता है. इसके बाद यह अमीबा नाक के जरिए मस्तिष्क तक पहुंच जाता है. यह दिमाग में सूजन पैदा करता है और मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है.
मस्तिष्क को खा जाने वाले संक्रमण के लक्षण क्या हैं?
संक्रमण के प्रारंभिक लक्षण हैं:
- उल्टी करना
- जी मिचलाना
- बुखार
- सिर दर्द
बाद के चरण में
- ध्यान की कमी
- बरामदगी
- दु: स्वप्न
- उलझन
- बदली हुई मानसिक स्थिति
- गर्दन में अकड़न
- प्रगाढ़ बेहोशी
कई बार गंदे पानी से नाक साफ करने की कोशिश में भी मरीज संक्रमित हो जाते हैं। लेकिन पानी की बूंदों से इसके फैलने का कोई सबूत नहीं है.