Karnal Kisan Mahapanchayat: करनाल में जारी किसान महापंचायत में पुलिस किसानों को रोकने में विफल रही है. किसानों ने पुलिस का सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए करनाल स्थित प्रशासनिक भवन का घेराव किया है. इससे पहले किसानों और प्रशासन के बीच बातचीत पूरी तरह विफल रही. किसान महापंचायत (Karnal Kisan Mahapanchayat) के दौरान दोपहर करीब बजे बड़े प्रशासनिक अधिकारियों और किसान नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई थी लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं. वहीं इससे पहले किसानों को रोकने की पुलिस ने हर संभव कोशिश की लेकिन किसानों के प्रदर्शन के आगे खट्टर सरकार द्वारा तैनात पुलिस की 40 कंपनिया भी बेबस नजर आई.
किसानों ने अनिश्चितकाल के लिए करनाल मिनी सचिवालय कर दिया है. किसानों ने कहा कि हम सिर्फ सरकार से बातचीत करना चाहते हैं लेकिन सरकार हमसे सीधे तौर पर बात नहीं कर रही है. हमारी मांगे हैं जो सरकार मानने से इनकार कर रही है. किसानों की मांग है कि करनाल में बीती 28 तारीख को जो लाठीचार्ज हुआ था. उसमें कई किसानों को गंभीर चोटें आईं थी. किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए. इसके साथ ही किसानों की कई अन्य प्रमुख मांगे हैं.
#WATCH Protesting farmers gherao Mini Secretariat in Karnal, after concluding Kisan Mahapanchayat at Anaj Mandi . #Haryana pic.twitter.com/qxMxm3v6LB
— ANI (@ANI) September 7, 2021
वहीं किसानों की इस महापंचायत को देखते हुए खट्टर सरकार ने करनाल सहित आस-पास के 5 जिलों में सभी मोबाइल कंपनियों की इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाएं बंद पूरी तरह से बंद कर दी है. करनाल के साथ ही कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत और जींद ऐसे जिलें हैं जहां मोबाइल इनंटरनेट सर्वित और बल्क एसएमएस सर्विस बंद कर दी गई है.
वहीं किसानों के इस घेराव को देखते हुए खट्टर सरकार ने करनाल में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 10 कंपनियों सहित सुरक्षा बलों की 40 कंपनियां तैनात की है. इसके साथ ही इलाके में धारा 144 भी लागू कर दी गई है लेकिन किसान हजारों की संख्या में करनाल स्थित मिनि सचिवालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं.
वहीं योगेंद्र यादव ने कहा कि पुलिस से हमें कोई दिक्कत नहीं है. पुलिस के जवान किसानों के बच्चें हैं. हम उनका सम्मान करते हैं. पुलिस सरकार के आदेश का पालन कर रही है. हमारी ओर से भी पुलिस को कोई दिक्कत नहीं होगी. वहीं दसूरी ओर मिनि सचिवालय के बाहर धरने पर हजारों किसानों के साथ बैठे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अब यहां से मांगे पूरी होने तक नहीं हटेंगे.