श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी पर बैन के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) और पीडीपी कार्यकर्ताओं ने खुलकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. वहीं केंद्र सरकार ने ‘जमात-ए-इस्लामी’ संगठन पर 5 साल का प्रतिबंध लगाने के बाद कश्मीर में संगठन से जुड़ी कई सम्पत्तियों को सील कर दिया है. बता दें कि शुक्रवार को दक्षिणी कश्मीर के कई स्थानों पर छापे मारकर सुरक्षाबलों ने संगठन से जुड़े दो दर्जन से अधिक सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था. सरकार ने देश विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में जुटे होने के कारण अलगाववादी समूह जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर को कथित रूप से राष्ट्र विरोधी और विध्वंसकारी गतिविधियों के लिये गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत गुरुवार को प्रतिबंधित कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ‘जमात-ए-इस्लामी’ के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के आवास सहित कई अन्य सम्पत्तियां शुक्रवार रात को शहर और घाटी के कई इलाकों में सील कर दी गईं. साथ ही 'जमात-ए-इस्लामी' के नेताओं के बैंक खाते भी सील कर दिए गए हैं.
J&K: Mehbooba Mufti and PDP workers protest in Srinagar against the ban on Jamaat-e-Islami (Jammu & Kashmir) by the Central Government. pic.twitter.com/zvCceAKQOa
— ANI (@ANI) March 2, 2019
जमात-ए-इस्लामी के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही महबूबा मुफ्ती ने इससे पहले ट्वीट किया था, ‘लोकतंत्र विचारों का संघर्ष होता है, ऐसे में जमात-ए-इस्लामी पर पाबंदी लगाने की दमनात्मक कार्रवाई निंदनीय है और यह जम्मू कश्मीर के राजनीतिक मुद्दे से अक्खड़ और धौंस से निपटने की भारत सरकार की पहल का एक अन्य उदाहरण है.’ यह भी पढ़ें- मोदी सरकार की बड़ी कार्रवाई, जम्मू-कश्मीर के जमात-ए-इस्लामी संगठन पर लगाया प्रतिबंध, आतंकवादी संगठनों से जुड़े होने का आरोप
Democracy is a battle of ideas , crackdown followed by banning of Jammat Islami (jk) is condemnable , another example of high handedness and muscular approach of GOI to deal with political issue of J&k .
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) March 1, 2019
महबूबा ने कहा, 'जमात-ए-इस्लामी से भारत की सरकार इतनी असुविधाजनक नहीं है. कश्मीरियों के लिए अथक परिश्रम करने वाले एक संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. क्या अब बीजेपी विरोधी राष्ट्र विरोधी हो रहा है?'
क्या है जमात-ए-इस्लामी
जमात-ए-इस्लामी एक इस्लामिक राजनीतिक पार्टी है, इसकी स्थापना 1941 में मौलाना अबुल आला मौदूदी ने खुदा की सल्तनत स्थापित करने के मकसद से की थी. उन्होंने इस्लाम को धार्मिक मार्ग से परे एक राजनीतिक विचारधारा प्रदान करने वाले रास्ते के रूप में देखा था. जमात-ए-इस्लामी के तीन धड़े हैं - जमात-ए-इस्लामी हिंद, जमात-ए-इस्लामी-पाकिस्तान और जमात-ए-इस्लामी कश्मीर. जमात-ए-इस्लामी हिंद को छोड़कर अन्य दोनों धड़े आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं.
जमात-ए-इस्लामी पर पहली बार बड़ी कार्रवाई हुई है. संगठन पर पूर्व में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन की राजनीतिक शाखा के तौर पर काम करने का आरोप हालांकि, संगठन हमेशा से खुद को एक सामाजिक और धार्मिक संगठन बताता आया है. जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर देश में देश विरोधी और विध्वंसकारी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकवादी संगठनों के साथ संपर्क में होने का आरोप है.