अल्जाइमर एक ऐसी मानसिक बीमारी है, जिसमें पीड़ित व्यक्ति की याददाश्त कम होने लगती है और वह सब कुछ भूलने लगता है. इससे पीड़ित लोग कोई भी निर्णय नहीं ले पाते हैं और उन्हें बोलने में दिक्कत महसूस होती है. इतना ही नहीं उनकी सोचने समझने की क्षमता भी कमजोर हो जाती है. हालांकि अल्जाइमर के लिए कई वजहें जिम्मेदार हो सकती हैं, लेकिन हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और खराब लाइफस्टाइल इसकी सबसे बड़ी वजह बन सकती है. किसी हादसे के दौरान सिर में चोट लगने की वजह से भी भूलने की यह बीमारी हो सकती है.
अल्जाइमर जब किसी व्यक्ति को अपना शिकार बनाता है तो सबसे पहले पीड़ित के दिमाग की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं, जिससे समय के साथ-साथ उसकी याददाश्त कम होने लगती है. यह रोग किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है. हालांकि एक्सरसाइज और डायट की मदद से इस रोग के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
हाल ही में हुए एक रिसर्च के अनुसार, हर हफ्ते कम से कम ढाई घंटे तक व्यायाम करके उन लोगों में याददाश्त की समस्या को लंबे समय तक रोका जा सकता है, जिनके डीएनए में स्थायी रूप से गड़बड़ियां होने से अल्जाइमर का खतरा बना रहता है.
जर्मनी के यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ टूबीनगेन के शोधकर्ताओं के मुताबिक, ऑटोसोमल डॉमिनेन्ट अल्जाइमर डिजीज (एडीएडी) एक दुर्लभ आनुवांशिक बीमारी है. इस बामारी के चलते पीड़ित व्यक्ति में कम उम्र में ही याददाश्त की समस्या पैदा हो जाती है.
अल्जाइमर एंड डिमेंशिया जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में याददाश्त और शारीरिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण संबंध दिखाया गया है. यह संबंध एडीएडी वाले लोगों में भी दिखाई देता है.