
New India co-operative Bank Transaction Ban: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे बैंक के ग्राहकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मुंबई के अंधेरी स्थित विजयनगर शाखा के बाहर भारी भीड़ उमड़ पड़ी, क्योंकि ग्राहकों को उनके खातों से पैसे निकालने की अनुमति नहीं दी गई.
अकाउंट होल्डर्स को झटका
RBI के इस फैसले के बाद बैंक के सभी ग्राहकों के लिए विड्रॉल (निकासी) पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. कई लोग अपनी सैलरी निकालने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें भी निराशा हाथ लगी. इस पाबंदी से आम ग्राहकों के अलावा छोटे व्यवसायियों को भी बड़ी परेशानी हो रही है, जो अपने रोजमर्रा के लेन-देन के लिए बैंक पर निर्भर रहते हैं.
बैंक ब्रांच के बाहर अफरातफरी
नकदी की किल्लत से जूझ रहे ग्राहक बैंक के बाहर लंबी कतारों में खड़े हो गए. बैंक के बाहर पुलिस बल भी तैनात किया गया है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे. बैंक अधिकारियों ने भीड़ को शांत करने के लिए ग्राहकों को कूपन बांटे, जिससे केवल लॉकर खोलने की अनुमति दी जा रही है. हालांकि, जिन लोगों की जमा राशि बैंक में फंसी हुई है, वे बेहद परेशान हैं.
क्या है RBI का आदेश?
RBI द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, बैंक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. यह निर्देश 13 फरवरी 2025 से प्रभावी होंगे और अगले छह महीनों तक लागू रहेंगे.
बैंक को किसी भी प्रकार के निकासी की अनुमति नहीं है, हालांकि यह कुछ आवश्यक खर्चों जैसे कर्मचारियों के वेतन, किराए और बिजली बिलों का भुगतान कर सकता है. ग्राहकों को केवल अपने लॉकर खोलने की अनुमति दी गई है. बैंक को किसी भी नए ऋण देने या जमा स्वीकार करने की भी अनुमति नहीं है.
ग्राहकों की नाराजगी और राहत
बैंक ग्राहकों में इस फैसले को लेकर भारी आक्रोश देखा जा रहा है. लोगों का कहना है कि उन्हें पहले से कोई सूचना नहीं दी गई, जिससे वे अचानक वित्तीय संकट में पड़ गए हैं. कुछ ग्राहकों ने मांग की है कि जल्द से जल्द इस समस्या का हल निकाला जाए.
हालांकि, राहत की बात यह है कि पात्र जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये तक की जमा बीमा राशि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के माध्यम से दी जाएगी.
आगे क्या होगा?
RBI द्वारा आगे क्या निर्णय लिया जाएगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बैंक वित्तीय संकट से उबरने में असफल रहता है, तो इस पर और सख्त कार्रवाई हो सकती है. फिलहाल ग्राहकों को इंतजार करना होगा कि RBI इस संबंध में आगे क्या निर्णय लेता है.