New India Co-operative Bank Scam Case: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक स्कैम मामले में एक और आरोपी गिरफ्तार
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मुंबई, 16 फरवरी : आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 122 करोड़ रुपये के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक स्कैम मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. ईओडब्ल्यू ने मामले में डेवलपर को गिरफ्तार किया है. डेवलपर का नाम धर्मेश पौन बताया जा रहा है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जांच में सामने आया है कि धर्मेश ने इस मामले में गबन किए गए 122 करोड़ रुपये में से 70 करोड़ रुपये लिए थे. आर्थिक अपराध शाखा के अनुसार, मुख्य आरोपी जनरल मैनेजर हितेश मेहता से धर्मेश को मई और दिसंबर 2024 में 1.75 करोड़ रुपये और जनवरी 2025 में 50 लाख रुपये मिले थे. इस मामले में पुलिस ने हितेश मेहता को लंबी पूछताछ के बाद शनिवार को गिरफ्तार किया था. ईओडब्ल्यू के अधिकारी के अनुसार, बैंक घोटाले मामले में आरोपी उन्नाथन अरुणाचलम उर्फ अरुणभाई फरार हैं. दोनों की तलाश की जा रही है. यह भी पढ़ें: आदित्‍यनाथ ने दिल्‍ली में रेलवे स्‍टेशन पर भगदड़ से लोगों की मौत पर दुख जताया,विपक्षी दल हमलावर

बता दें कि ईओडब्ल्यू के समन पर हितेश मेहता शनिवार को उसके दफ्तर पहुंचे थे. काफी देर तक चली पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था. ईओडब्ल्यू के डीसीपी मंगेश शिंदे ने शनिवार को बताया था कि न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) देवर्षि शिशिर कुमार घोष ने मुंबई के दादर थाने में हितेश मेहता के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी. मेहता पर बैंक के 122 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है. घोष की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप है कि महाप्रबंधक हितेश मेहता और उनके कुछ सहयोगियों ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर बैंक में 122 करोड़ रुपये का गबन किया. महाप्रबंधक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने साथियों के साथ मिलकर यह घोटाला किया.

एफआईआर में आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 316(5) और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस मामले की जांच मुंबई की ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है. उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया था. आरबीआई ने कहा था कि ये प्रतिबंध बैंक की स्थिति में सुधार होने तक लागू रहेंगे.