प्रतीकात्मक तस्वीर (photo credit: फाइल फोटो)
2018 खत्म होनेवाला है और जल्द ही 2019 की शुरुआत हो जाएगी. नया साल आते ही हर बार की तरह लोग नया रेसोल्यूशन बनाते हैं. कोई पतला होने का रेसोल्यूशन बनाता है, तो कोई पैसे बचाने का, लोग रेसोल्यूशन तो बना लेते हैं लेकिन उसे फॉलो नहीं कर पाते. हर इंसान अपने सुरक्षित भविष्य की कामना करता है और उसके लिए पैसे भी बचाना चाहता है. लेकिन महंगाई इतनी बढ़ गई है की वो चाहकर भी ऐसा नहीं कर पाता. अपने बेहतर भविष्य के लिए आपको कुछ कदम उठाने पड़ेंगे, और वो कदम क्या हैं आइए हम आपको बताते हैं.
अपने आर्थिक मामलों पर बार- बार सोचें : अपनी कमाई का ठीक से हिसाब किताब रखें और इस बात का पता लगाने की कोशिश करें कि फिजूल खर्च कहाँ हो रहा है ? फिजूल खर्च कम कर दें, क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कम कर दें इससे आपकी देनदारी कम होजाएगी. लोग जोश में आकर फिजूल की खरीदारी कर लेते हैं ऐसी खरीदारी से बचें. और इस बात को गांठ बांध लें कि आप अपने बेहतर भविष्य के लिए पैसे बचाना चाहते हैं.
यह भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने एक्सीडेंट इंश्योरेंस क्लेम को लेकर दिया बड़ा फैसला, ऐसा हुआ तो नहीं मिलेगा पैसा
बजट बनाएं: आम तौर पर बजट सभी बनाते हैं लेकिन उसे ठीक से फॉलो नहीं कर पाते हैं. बजट के हिसाब से चलने से पैसे की बचत होती है और आप अपने आर्थिक लक्ष्य को भी पूरा कर पाएंगे.
सलाह मशविरे के बाद ही लें आर्थिक फैसले: पैसों से जुड़े किसी भी फैसले या इन्वेस्टमेंट से पहले पारिवार और दोस्तों से सलाह लें. परिवार के सभी लोगों को आर्थिक मामलों की बुनियादी बातें बताकर आप परिवार के लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं. घर का बजट आपस में मिल जुलकर बनाएं और परिवार के सभी लोग मिलकर बजट में भागीदारी करें.
सेहत के नाम पर बचत करें: बीमारियों का कोई भरोसा नहीं कभी भी कुछ भी हो सकता है इसलिए अपनी सेहत को ध्यान में रखकर संपूर्ण स्वास्थ योजनायें बनाएं. अच्छे मेडिक्लेम और इंश्योरेंस प्लान लें. चिकित्सा बहुत महंगी हो गई है, ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस या मेडिक्लेम लेना अच्छी डील होगी.
बच्चों के उज्वल भविष्य की योजनायें बनाएं : एक सर्वे से पता चला के ज्यादातर माता- पिता के लिए उनके बच्चे की पढ़ाई सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है. लेकिन इसके लिए लोग सही योजना नहीं बना पाते जिसकी वजह से वो बच्चों की उच्च शिक्षा की वजह से कर्ज में डूब जाते हैं. अवीवा किड-ओ-स्कोप जैसी विशेष सेवाओं के जरिये आप अपने बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा समझ पाएंगे और ये भी जान पाएंगे की बच्चों की पढ़ाई में कितना खर्च होगा.
अपनों का भविष्य करें सुरक्षित : आर्थिक सुरक्षा के लिए जीवन बीमा लेना बहुत जरुरी है. इस बात का ध्यान रखना होगा की आपके पास पर्याप्त बीमा हो. ताकि आपके परिवार का आर्थिक भविष्य सुधर सके. हमेशा यह सोचकर योजनायें बनाएं जिसकी आमदनी से घर चलता है उसके न रहने पर भी आसानी से चल सके और उसके लिए अच्छा विकल्प अवीवा आई-टर्म स्मार्ट है जो सब के बजट में है और बीमित के साथ-साथ उसके 'परिवार' को संपूर्ण सुरक्षा देता है.
किस उम्र में निवेश करना चाहिए: जब आपके पास पैस आए आप निवेश करना शुरू कर दें. जब किसी की पहली नौकरी लगती है, तो पहली सैलरी के बाद ही आपको पैसा सेव करने का हैबिट बनाना चाहिए. ये छोटी- छोटी सेविंग एक वक्त आने पर इतनी बड़ी रकम बन जाती है के आप विश्वास नहीं कर पाएंगे. अगर एक इन्सान हर महीने सिर्फ हजार रुपये इक्विटी में सेव करता है और इक्विटी करीब 14% कंपाउंड इंटरेस्ट देता है तो ये एक हजार रुपये तीस साल में 54 लाख बन जाता है. और यही इंसान अगर सोचता है की अभी वो सेविंग नहीं करना चाहता उसके खेलने कूदने के दिन हैं और वो सेविंग में पांच साल की देरी करता है तो उनके पास सिर्फ 25 साल बचते हैं निवेश करने के लिए. सिर्फ पांच साल देरी से इन्वेस्ट करने से यही अमाउंट घटकर सिर्फ 26 लाख रुपये हो जाती है. यंग इन्वेस्टर्स के लिए हमारा सुझाव है की वो अपनी पहली सैलरी से ही सेविंग शुरू कर दें ताकि यंग एज में उनकी सेविंग की हैबिट बनी रहे.
सेविंग अकाउंट में न रखें ज्यादा पैसे : लोगों में ये भावना होती है की सेविंग अकाउंट में सेफ है. लेकिन सेविंग अकाउंट भी आपकी पर्स की तरह होता है, जब जरूरत होती है पैसे निकाल लेते हैं और सेविंग के नाम पर कुछ नहीं बचता. अगर हम सेविंग अकाउंट में पैसे रखते हैं तो बैंक उसपर सिर्फ 3% ब्याज देती है. पैसे सेविंग अकाउंट में रखने के बजाय अपने पैसों को काम पर लगाइए.
बाज़ार शब्दावली को न समझें रॉकेट साइंस: बहुत से ऐसे लोग हैं जो इन्वेस्टमेंट से रिलेटेड टर्म (बातों को ) को समझ नहीं पाते हैं, और समझ न आने की वजह से इन्वेस्ट करने से डरते हैं. ऐसा बिलकुल भी न सोचे अपने बैंक से या इन्वेस्टमेंट से जुड़े अधिकारी से जानकारी ले सकते हैं. इन्वेस्टमेंट से जुड़ी बेसिक जानकारी इन्टरनेट पर भी उपलब्ध है. आप प्लेन उड़ा नहीं सकते तो क्या हुआ उसमें बैठ तो सकते ही हैं.
जोखिम और जुए में फर्क कैसे करें : मार्केट में उतार चढ़ाव तो आते रहते हैं. इसलिए आप एक बड़ा अमाउंट इन्वेस्ट करने के बजाव SIP(Systematic Investment Plan) में इन्वेस्ट करें.
सुनी- सुनाई बातों पर ध्यान न दें: सिर्फ निवेश को लेकर नहीं किसी भी सुनी सुनाई बातों पर ध्यान न दें. मिली हुई जानकारी की ठीक से जांच पड़ताल करनी चाहिए तभी निवेश करना चाहिए.