देश में मंदी की मार: सबसे निचले स्तर पर पहुंचा इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन, 1.1 फीसदी की गिरावट
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नई दिल्ली. देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को लेकर केंद्र सरकार (Central Government) लगातार विपक्ष के निशाने पर है. कांग्रेस सहित तमाम पार्टियां मोदी सरकार पर हमलावर हैं इसी बीच एक ऐसा आकंड़ा सामने आया है जो केंद्र की सत्ता पर काबिज मोदी सरकार (Modi Govt) की मुश्किलें बढ़ा सकता है. खबर है कि देश के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (Industrial Production) में भारी गिरावट सामने आयी है. पिछली तिमाही में औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) वृद्धि दर शून्य से नीचे चली गई है. यह 1.1 फीसदी पर पहुंच गयी है.

विनिर्माण, बिजली और खनन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन की वजह से अगस्त महीने में औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) 1.1 प्रतिशत घट गया. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. अगस्त, 2018 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 4.8 प्रतिशत बढ़ा था. अगस्त में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 1.2 प्रतिशत घट गया. अगस्त, 2018 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 5.2 प्रतिशत बढ़ा था. आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 77 प्रतिशत है. यह भी पढ़े-Millennials की वजह से ऑटो सेक्टर में मंदी पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बयान से सहमत नहीं मारुति सुजुकी, कहा- ओला, उबर की वजह से सेल में नहीं आई गिरावट

समीक्षाधीन महीने में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 0.9 प्रतिशत नीचे आया. अगस्त, 2018 में बिजली क्षेत्र का उत्पादन 7.6 प्रतिशत बढ़ा था. वहीं खनन क्षेत्र के उत्पादन की वृद्धि 0.1 प्रतिशत पर स्थिर रही.

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त की अवधि के दौरान औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) की वृद्धि दर घटकर 2.4 प्रतिशत रह गई है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत रही थी.

(भाषा इनपुट के साथ)