पीएम मोदी की मेहनत लाई रंग, कृषि क्षेत्र में दुनिया में नंबर वन बनने की राह पर भारत
पीएम मोदी व कृषि (Photo Credits Facebook Pixabay)

भारत में पीएम मोदी (PM Modi) के नेतृत्व में बीते 8 साल में किसानों के हित में जितने कदम उठाए गए हैं, उनकी बदौलत देश जल्द ही कृषि क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल करेगा. केंद्रीय कृषि मंत्री ने अपने एक बयान में यह बात कही है. उन्होंने कहा है कि भारत कृषि क्षेत्र में दुनिया में नंबर वन बनने की यात्रा पर चल रहा है. कल्पना कीजिए भारत के उस कृषि क्षेत्र की जहां बीती सरकारों के कार्यकाल में किसानों को लगातार होते नुकसान और बढ़ते कर्ज के चलते मौत को गले लगाना पड़ता था.

पीएम मोदी के नेतृत्व में वर्तमान में केंद्र सरकार आज किसानों की स्थिति में लगातार सुधार के लिए बड़े-बड़े कदम उठा रही है और इसके नतीजे भी सामने हैं. किसानों की आय में लगातार सुधार हो रही है. याद हो, साल 2014 में जब केंद्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी थी तो उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया था ताकि किसान आत्महत्या करने को मजबूर न हो. उन्होंने तय किया था कि देश का अन्नदाता कभी भूखा नहीं मरेगा. यह भी पढ़े: भारत के कृषि उत्पाद आज दुनिया के बाजारों में उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं: भाजपा

छोटे किसानों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार लगातार कर रही काम

आज देश के छोटे किसानों को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार भगीरथ प्रयास कर रही है. इसके लिए सरकार द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है. इस दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाओं का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है, ताकि खेती-किसानी की चुनौतियों को कम किया जा सके और किसानों की आमदनी को बढ़ाया जा सके.

हमारे देश के लिए कृषि अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र

इस संबंध में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बुधवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश के लिए कृषि अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। कृषि की प्रधानता को हमने स्वीकार किया है, इस लिहाज से इसकी प्रगति, इसमें बदलाव, नीतियों का समावेशन, सहकार आदि की दिशा में काम किया जा रहा है.

देश में 86 फीसदी छोटे किसान

देश में 86 फीसदी छोटे किसान हैं, जिनके पास छोटा रकबा है और वे ज्यादा निवेश नहीं कर सकते हैं। ऐसे में इन किसानों को आगे बढ़ाने के लिए पीएम मोदी की अगुवाई में सरकार काम कर रही है, क्योंकि अगर इन 86 प्रतिशत किसानों का पलड़ा नीचे रहेगा तो न खेती आगे बढ़ेगी और न ही देश। इस लिहाज से छोटे किसानों के विकास के लिए इस स्तर पर काम होना बेहद जरूरी समझा जा रहा है.

छोटे किसानों के लिए 10 हजार नए FPO बनाने का काम किया शुरू

भारत सरकार ने इन छोटे किसानों की ओर ध्यान देते हुए 10 हजार नए FPO बनाने का काम शुरू किया है। इसके लिए 6,865 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। अच्छी बात यह है कि इनमें से 3,000 FPO बन भी चुके हैं। आज छोटे किसान इन FPO से जुड़ते हैं तो खेती का रकबा बढ़ता है।

देश में किसानों की सामूहिक ताकत बढ़ी

आज सरकार के इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि देश में किसानों की सामूहिक ताकत बढ़ रही है। एक ही प्रकार की खेती होती है तो उत्पादन बढ़ेगा और किसान अच्छी कीमत हासिल कर सकेंगे। किसानों की आमदनी बढ़े, इसके लिए सरकार की ओर से यह प्रयास किया जा रहा है।

’तिलहन मिशन’ पर तेजी से काम कर रही सरकार

दलहन और तिलहन के क्षेत्र में भी सरकार काम कर रही है। दोनों ही अभावग्रस्त क्षेत्र थे। दलहन में किसानों ने उपक्रम किया और उत्पादन में बड़ी छलांग लगाई है। तिलहन में अभी गैप है, जिसके लिए सरकार तिलहन मिशन पर काम कर रही है.

क्यों शुरू किया गया है ‘पॉम ऑयल मिशन’ ?

दरअसल, अभी तक देश में खाद्य तेलों को इंपोर्ट किया जाता है। हमारे देश में जितनी तेलों की खपत है, उसमें करीब 56 प्रतिशत पॉम ऑयल की खपत है, इसलिए पॉम ऑयल मिशन शुरू किया गया है, जिस पर सरकार 11 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। देश में लगभग 28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पॉम ऑयल की खेती के लिए मुफीद है। पहले चरण में 06 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पॉम की खेती बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। तीन-चार साल बाद जब पॉम ऑयल की फसल आएगी तो आयात निर्भरता कम होगी।

डिजिटल एग्री मिशन पर काम जारी

कृषि क्षेत्र में तकनीक की बात करें तो किसानों की पहुंच सरकार तक हो सके और सरकार सभी किसानों तक पहुंच सके, इसके लिए सरकार डिजिटल एग्री मिशन पर भी काम कर रही है। तकनीक के माध्यम से पारदर्शिता बढ़ेगी तो सभी किसानों को सारी योजनाओं का पूरा लाभ मिल सकेगा. किसानों को मशीनीकरण से जोड़ा जा रहा है। ड्रोन टेक्नोलॉजी को सरकार प्रमोट कर रही है. खेती में टेक्नोलॉजी और पारदर्शिता जितनी बढ़ेगी, उसका लाभ खेती को होगा और देश आगे बढ़ेगा.