नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में एलएसी (LAC) पर चीन के साथ तनाव के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और चीनी रक्षामंत्री वेई फेंगही (Wei Fenghe) ने शुक्रवार को अहम बैठक की. पूर्वी लद्दाख में मई में सीमा पर हुए तनाव के बाद से दोनों ओर से यह पहली उच्च स्तरीय आमने सामने की बैठक थी. राजनाथ ने चीन के रक्षा मंत्री से दो घंटे से अधिक समय तक की वार्ता, सीमा पर तनाव कम करने पर हुई चर्चा
मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के इतर हुई इस मीटिंग में दोनों देशों के मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के साथ-साथ आपसी संबंधों के विकास के बारे में स्पष्ट और गहन चर्चा की. इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले कुछ महीनों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और गलवान घाटी में हुए घटनाक्रम पर भारत की स्थिति को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया.
सिंह ने जोर देकर कहा कि बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों को एकत्र करना जैसी कार्रवाई उनके आक्रामक व्यवहार और यथास्थिति को एकतरफा रूप से बदलने के प्रयास को दिखाती है. यह दोनों देशों के बीच हुए द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन था.
RM emphasised that the actions of the Chinese troops, including amassing of large number of troops, their aggressive behaviour and attempts to unilaterally alter the status quo were in violation of the bilateral agreements.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 5, 2020
रक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय सैनिक हमेशा सीमा प्रबंधन के प्रति बहुत ही जिम्मेदार है. लेकिन साथ ही भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के संकल्प के बारे में भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए. सिंह ने साथ ही कहा कि दोनों पक्षों के नेताओं की आम सहमति से मार्गदर्शन लेकर भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति बहाली जरुरी है, जिससे द्विपक्षीय संबंधों का विकास किया जा सके और दोनों पक्षों के मतभेद विवाद नहीं बने.
RM said that both sides should take guidance from the consensus of the leaders that maintenance of peace and tranquillity in the India-China border areas was essential for the further development of bilateral relations & that2 sides should not allow differences to become disputes
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 5, 2020
दो घंटे से अधिक समय तक हुई बैठक में उन्होंने चीनी समकक्ष को सलाह दी कि द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के अनुसार पैंगोंग झील (Pangong Lake) सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव के क्षेत्रों से जल्द से जल्द पूर्ण विघटन के लिए भारतीय पक्ष के साथ काम करे. सिंह ने आगे कहा कि वर्तमान स्थिति को जिम्मेदारी से संभाला जाना चाहिए. किसी भी पक्ष को आगे की कार्रवाई नहीं करनी चाहिए, जिससे स्थिति और जटिल हो जाए.
RM further said that the current situation should be handled responsibly and that neither side should take any further action that could either complicate the situation or escalate matters in the border areas.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 5, 2020
रक्षामंत्री ने कहा कि दोनों पक्षों को अपनी चर्चा जारी रखनी चाहिए, जिसमें कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों के जरिए जल्द से जल्द एलएलसी पर पूर्ण शांति बहाली सुनिश्चित की जा सके. भारतीय प्रतिनिधिमंडल में रक्षा सचिव अजय कुमार और रूस में भारत के राजदूत डी बी वेंकटेश वर्मा भी थे.