Fact Check: ईरान से हजारों भारतीय नागरिकों को निकाला जा रहा है? जानिए वायरल दावे का असली सच
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Fact Check: इन दिनों सोशल मीडिया पर एक दावा वायरल हो रहा है कि ईरान हर दिन करीब 35,000 अप्रवासियों को देश से निकाल रहा है, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक भी शामिल हैं. इस पर कई लोग चिंता जता रहे हैं, लेकिन जब इस दावे की पड़ताल की गई तो हकीकत कुछ और ही निकली. दावे के मुताबिक ईरान ने बड़े पैमाने पर प्रवासियों को वापस भेजना शुरू कर दिया है और हर दिन अफगान और भारतीय नागरिकों समेत 35,000 प्रवासियों को वापस भेजा जा रहा है. इस खबर को लेकर सोशल मीडिया पर कई पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है. जांच करने पर पता चला कि यह दावा आधा सच और आधा झूठ है.

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ईरान प्रतिदिन 35,000 अप्रवासियों को निर्वासित कर रहा

'ईरान ने प्रतिदिन 35,000 आप्रवासियों को निर्वासित करना शुरू कर दिया है'

सच्चाई क्या है?

AP, Afghanistan International और Kurdistan24 जैसी विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ईरान ने हाल के दिनों में अफगान नागरिकों की वापसी में तेजी लाई है. मई और जून 2025 के बीच, हर दिन लगभग 30,000 से 33,000 अफगानों को ईरान से निर्वासित किया गया है.

Forum-Asia नामक मानवाधिकार संगठन की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि मई से लेकर जून के शुरू तक करीब डेढ़ लाख अफगान नागरिकों को ईरान से जबरन निकाला गया, लेकिन इस पूरी रिपोर्ट में कहीं भी भारतीय नागरिकों का जिक्र नहीं है. इसका मतलब यह है कि अभी तक बड़े पैमाने पर भारतीयों के निकाले जाने की पुष्टि नहीं हुई है.

 

अफगानों की वापसी क्यों हो रही है?

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इतनी बड़ी संख्या में अफगान नागरिकों के वापस लौटने का कारण ईरान में बढ़ती बेरोजगारी, आर्थिक संकट और सख्त आव्रजन कानून हैं. अफ़गान शरणार्थी पहले से ही अस्थायी परिस्थितियों में रह रहे थे और हाल की आर्थिक स्थिति ने सबसे पहले उन्हें ही प्रभावित किया.

भारतीयों को चिंता करने की जरूरत नहीं

इस समय ऐसी कोई आधिकारिक या प्रामाणिक रिपोर्ट नहीं है कि ईरान से भारतीय नागरिकों को जबरन निकाला जा रहा है. ऐसे में सोशल मीडिया पर फैली बातों पर आंख मूंदकर भरोसा करने से बचें. विदेश मंत्रालय की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई चेतावनी या सूचना जारी नहीं की गई है.

नतीजा: दावा भ्रामक है

ईरान से प्रतिदिन 35,000 प्रवासियों के वापस लौटने का दावा आंशिक रूप से सत्य है, लेकिन इसमें भारतीय नागरिकों को शामिल करना भ्रामक और गलत सूचना है. केवल अफगान नागरिकों के बड़े पैमाने पर निर्वासन की पुष्टि हुई है.