नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना (IAF) ने शुक्रवार को कहा कि 8 दिसंबर को तमिलनाडु (Tamil Nadu) में सैन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटना (Military Helicopter Accident) की जांच के लिए गठित कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने दुर्घटना के कारण के रूप में मैकेनिकल विफलता, गड़बड़ी या लापरवाही से इनकार किया है. देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat), उनकी पत्नी मधुलिका रावत (Madhulika Rawat) और 12 सशस्त्र बलों के जवान तमिलनाडु के कुन्नूर के पास हुई दुर्घटना में मारे गए थे. IAF Helicopter Crash: तमिलनाडु में लोगों ने CDS बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य कर्मियों के पार्थिव शरीर को ले जाने वाली एम्बुलेंस पर फूल बरसाए (Watch Video)
ट्राई-सर्विसेज कोर्ट ऑफ इंक्वायरी रिपोर्ट के प्रारंभिक निष्कर्षों को साझा करते हुए, भारतीय वायुसेना ने कहा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटना घाटी में मौसम की स्थिति में अप्रत्याशित बदलाव के कारण बादलों में प्रवेश का परिणाम थी.
जांच दल ने दुर्घटना के सबसे संभावित कारण का पता लगाने के लिए सभी उपलब्ध गवाहों से पूछताछ के अलावा उड़ान डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का विश्लेषण किया.
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने दुर्घटना के कारण के रूप में मैकेनिकल फेलियर (यांत्रिक विफलता), किसी प्रकार की गड़बड़ी या लापरवाही को खारिज कर दिया है. दुर्घटना घाटी में मौसम की स्थिति में अप्रत्याशित परिवर्तन के कारण बादलों में प्रवेश का परिणाम थी, जिसके कारण पायलट एक निर्धारित स्थान को लेकर भटक गया.
वायुसेना ने कहा, अपने निष्कर्षों के आधार पर, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने कुछ सिफारिशें की हैं जिनकी समीक्षा की जा रही है. जनरल रावत नीलगिरी हिल्स के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के स्टाफ कोर्स के फैक्लटी और स्टूडेंट ऑफिसर्स को संबोधित करने के लिए जा रहे थे.