भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) की ताकत अब और बढ़ जाएगी. अत्याधुनिक 'चिनूक' हेलिकॉप्टर (Chinook) आज औपचारिक रूप से भारतीय सेना को मिल जाएगा. इस मौके पर एक इंडक्शन समारोह का आयोजन वायुसेना करने जा रहा है. चिनूक का इस्तेमाल पाकिस्तानी सीमा पर वायुसेना को और अधिक ताकतवर बनाने में किया जाएगा. भारत ने साल 2015 में कुल 15 चिनूक हेलिकॉप्टरों का ऑर्डर अमेरिकी कंपनी बोइंग को दिया था. जिसमें से चार फरवरी में भारत पहुंचे. चंडीगढ़ में एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ (Birender Singh Dhanoa) चार भारी क्षमता वाले चिनूक हेलिकॉप्टर को भारतीय वायुसेना को सौंपेंगे.
CH-47 चिनूक एंडवांस्ड मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर है, जो वायुसेना को सामरिक रूप से मजबूत बनाएगा. इससे हैवी लिफ्ट की क्षमता मिलेगी. इसके जरिए भारी से भारी सैन्य जरूरतों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में आसानी होगी. चिनूक का इस्तेमाल किसी भी आपदा के समय किया जा सकता है. इसके जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाने और ज्यादा तादाद में राहत सामग्री पहुंचाने में मदद मिलेगी.
Visuals of Chinook heavy-lift helicopters at Air Force Station 12 Wing, in Chandigarh. Indian Air Force to induct the first unit of four Chinook helicopters today. pic.twitter.com/o6xoiOCrOa
— ANI (@ANI) March 25, 2019
बीते साल जुलाई में बोइंग विमान के उपाध्यक्ष और जनरल मैनेजर ने कहा था, 'तटीय ऑपरेशन से लेकर काफी ऊंचाई वाले पर्वतीय मिशनों तक, ये विमान भारतीय सशस्त्र बलों के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.' यह भी पढ़ें- अब आतंकियों और नक्सलियों की खैर नहीं: सेना के बेड़े में शामिल हुआ शॉट स्पैन पुल, दुर्गम इलाकों में भी कर सकेगी हमला
इस वजह से खास है चिनूक
चिनूक में पूरी तरह से इंटीग्रेटेड, डिजिटल कॉकपिट मैनेजमेंट सिस्टम, कॉमन एविएशन आर्किटेक्चर कॉकपिट और एडवांस्ड कार्गो-हैंडलिंग क्षमताएं हैं. जो मिशन के दौरान इस हेलिकॉप्टर के प्रदर्शन और इसकी हैंडलिंग को बेहतर बनाते हैं. चिनूक करीब 11 हजार किलो तक के हथियार और सैनिकों को आसानी से उठाने में सक्षम है.
चिनूक हेलीकॉप्टर अमेरिकी सेना के अलावा कई देशों की सेनाओं में सक्रिय भूमिका निभा रहा है. वियतनाम युद्ध, लीबिया, ईरान, अफगानिस्तान समेत इराक में यह हेलीकॉप्टर बड़ी और निर्णायक भूमिका निभा चुका है.
ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्र में यह हेलिकॉप्टर काफी कारगर हो सकता है. यह हेलिकॉप्टर छोटे से हेलिपैड और घाटी में भी लैंड कर सकता है. खराब मौसम में भी चिनूक हेलिकॉप्टर उड़ान भरने में सक्षम है. इस हेलिकॉप्टर की अधिकतम स्पीड 315 किमी प्रति घंटे है. चिनूक हेलिकॉप्टर दुनिया के 19 देशों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है. अमेरिकी वायुसेना 1962 से ही इस्तेमाल कर रही है. कंपनी ने अब तक कुल 1179 चिनूक हेलिकॉप्टर बनाए हैं.