
Chief Justice DY Chandrachud Retirement And Farewell: भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने आज अपने कार्यकाल के अंतिम दिन समारोह में देश के सर्वोच्च न्यायधीश के पद से विदाई ली और इस अवसर पर एक भावुक संदेश दिया. उन्होंने कहा, "कल से मैं न्याय नहीं दे पाऊंगा, लेकिन मैं संतुष्ट हूं."
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने 9 नवंबर 2022 को भारत के मुख्य न्यायधीश के रूप में शपथ ली थी. आज उनके दो साल के कार्यकाल का समापन हुआ. इस मौके पर उन्होंने न्यायपालिका के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का जिक्र किया और बताया कि कैसे न्यायधीशों का काम कभी आसान नहीं होता, लेकिन यह एक बहुत बड़ा दायित्व भी है. उन्होंने न्यायाधीशों को तीर्थयात्रियों से तुलना करते हुए कहा, "हम हर दिन अदालत में आते हैं और अपने कर्तव्यों को निभाने का प्रयास करते हैं."
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि अगर अदालत में कभी किसी को चोट पहुँचाई हो, तो कृपया मुझे क्षमा करें. उन्होंने 'मिच्छामी दुक्कड़म' शब्द का उद्धरण दिया, जिसका अर्थ है 'मेरे सभी अपराधों को क्षमा किया जाए.'
इस अवसर पर, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, जो 11 नवंबर 2024 को भारत के 51वें मुख्य न्यायधीश के रूप में शपथ लेने वाले हैं, ने न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की सराहना करते हुए कहा कि उनका योगदान समाज के हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए अतुलनीय है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ को समोसे बहुत पसंद थे, जो लगभग हर बैठक में परोसे जाते थे, हालांकि वह खुद इन्हें नहीं खाते थे.
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए, जिनमें दिव्यांगजनों के लिए 'मिट्टी कैफे' की स्थापना और महिला वकीलों के लिए विशेष 'बा�