Assam Flood: असम में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ की वजह से लाखों लोग बेघर हो चुके हैं. राज्य के करीब 12 जिलों में स्थिति बद से बद्तर हो गई है. सोमवार को मोरीगांव में ब्रह्मपुत्र नदी का पानी घुसने से लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. ग्रामीणों का कहना है कि नदी का पानी लगातार बढ़ रहा है. इसके चलते हर जगह बाढ़ जैसे हालात हैं. नदियों के किनारे बसे अधिकांश गावों की सड़कें और घर डूब चुके हैं. सभी को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. यहां हर साल बाढ़ आती है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई उचित कदम नहीं उठाया जाता है.
बाढ़ की वजह से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है. यहां कुल 61 वन शिविर डूब चुके हैं. जलमग्न वन शिविरों में अगोराटोली रेंज के 22, काजीरंगा के 10, बागोरी के आठ, बूढ़ापहाड़ के पांच और बोकाखाट के 6 शिविर शामिल हैं.
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असम में बाढ़ की वजह से लाखों लोग हुए बेघर
#WATCH | Morigaon, Assam: The flood situation deteriorated on Monday after the waters of the Brahmaputra River spread to villages pic.twitter.com/qxNT1jgt1q
— ANI (@ANI) July 2, 2024
असम में बाढ़ से निपटने के लिए NDRF पूरी तरह तैयार: CM हिमंत विश्व शर्मा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को कहा कि पड़ोसी राज्य अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है. ब्रह्मपुत्र और उसकी सभी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले दो से तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुझे फोन कर स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और सेना पूरी तरह से तैयार रहेगी. सभी मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों को स्थिति पर बारीकी से नजर रखने के लिये कहा गया है. ब्रह्मपुत्र और बराक घाटियों सहित 14 जिलों में कुल 2,70,628 लोग बाढ़ की स्थिति से जूझ रहे हैं.