Gyanvapi Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वनाथ मंदिर विवाद मामले में फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराई जाए. न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा की पीठ ने एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर कथित सीलिंग की साइंटिफिक सर्वे की जांच कराने का आदेश दे दिया.
16 मई, 2022 को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का न्यायालय द्वारा अनिवार्य सर्वेक्षण संपन्न हुआ. सर्वेक्षण दल को मस्जिद के वुज़ू खाना (शौचालय क्षेत्र) की पश्चिमी दीवार में 12 फुट लंबी, 8 इंच चौड़ी पत्थर की संरचना मिली. हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि ढांचा एक शिवलिंग है, जबकि मुस्लिम पक्ष ने दावा किया है कि यह एक फव्वारा है.
#BREAKING: The Archaeological Survey of India (@ASIGoI) today told the #AllahabadHighCourt that carbon dating of the purported 'Shiva Linga' inside the #Gyanvapi Mosque IS NOT POSSIBLE and only the top part of the Lingam, Binder, can be carbon dated.#ShivaLinga pic.twitter.com/KLhWC6FQrA
— Live Law (@LiveLawIndia) May 12, 2023
मामला अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय के विचाराधीन है. अदालत ने वाराणसी के जिलाधिकारी को उस क्षेत्र को सील करने का आदेश दिया है जहां ढांचा पाया गया था और मुसलमानों को मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति दी गई थी. अदालत ने संरचना का निरीक्षण करने और एक रिपोर्ट जमा करने के लिए एक कोर्ट कमिश्नर भी नियुक्त किया है. संरचना की खोज ने एक विवाद को जन्म दिया है, जिसमें हिंदू और मुस्लिम दोनों साइट पर अपने दावों का दावा करते हैं.