![Farmers Protests: दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की बैठक जारी, आगे की रणनीति पर हो रही है चर्चा Farmers Protests: दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की बैठक जारी, आगे की रणनीति पर हो रही है चर्चा](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2020/11/43-Image-380x214.jpg)
नई दिल्ली:- केंद्र सरकार (Centre Govt) के कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसानों का प्रदर्शन चौथे दिन भी जारी है. दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर अब भी बड़ी संख्या में किसान मौजूद हैं. जो अपनी मांग को लेकर अब पीछे हटने को तैयार नहीं है. कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. इस बीच किसानों की एक बैठक जारी है. जिसके बाद फैसला लिया जाएगा कि किसानों के आंदोलन की अगली रणनीति क्या होगी. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है. किसानों के इस आंदोलन में अन्य राज्य के किसान भी शामिल होने लगे हैं. वहीं, आंदोलन को लेकर सियासी आरोप का दौर भी शुरू हो गया है.
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, जिस तरह से किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया है, ऐसा लग रहा है कि जैसे वे इस देश के हैं ही नहीं. उनके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया है. चूंकि वे सिख हैं और पंजाब और हरियाणा से आए हैं, इसलिए उन्हें खालिस्तानी कहा जा रहा है. यह किसानों का अपमान है. वहीं, बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि किसानों की चिंता हम करते हैं और करते रहेंगे. किसान हमारे दिल में बसते हैं, किसानों को भड़काने का काम कोई न करें. Mann Ki Baat: मन की बात में बोले प्रधानमंत्री मोदी- कृषि कानूनों से किसानों के लिए नए रास्ते खुले और अधिकार मिलें.
ANI का ट्वीट:-
#UPDATE: A meeting of farmers underway at Singhu border (Delhi-Haryana) as they continue their protest against the farm laws. https://t.co/C4Ps6AR56Y
— ANI (@ANI) November 29, 2020
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि हम जो फैसला लेते हैं वो किसानों के हित में होता है. लोगों के बीच गलतफहमी पैदा की जा रही है हमारी अपील है कि वो गलतफहमी के शिकार न हो. प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए किसानों से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा है कि सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार है. अगर प्रदर्शनकारी किसान चाहते हैं कि केंद्र सरकार उनसे 3 दिसंबर से पहले बात करे तो वह विरोध के लिए दिल्ली (Delhi) में निर्धारित स्थान पर स्थानांतरित हो जायें.