नई दिल्ली:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) रविवार सुबह 11 बजे रेडियो पर 'मन की बात' (Mann Ki Baat) की शुरुआत में कनाडा से लगभग 100 साल पुरानी देवी अन्नपूर्णा की प्रतिमा वापस आने की खुशखबरी के साथ शेयर किया. उन्होंने कहा कि क्राइसिस (Crisis) में कल्चर (culture) बड़े काम आता है, इससे निपटने में अहम भूमिका निभाता है. इस दौरान पीएम मोदी ने पक्षी प्रेमी डॉक्टर सलीम का जिक्र करते हुए बर्ड वाचिंग (Bird Watching) से जुड़े अपने विचारों को बताया. उन्होंने हाल ही में गुजरात के केवड़िया दौरे पर पक्षियों के साथ बिताए गए पलों को साझा किया. इसके साथ ही उन्होंने न्यूजीलैंड के नवनिर्वाचित एम.पी. डॉ० गौरव शर्मा द्वारा संस्कृत भाषा में शपथ लेने की चर्चा करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी.
पीएम मोदी ने मन की बात में कहा कि कल 30 नवंबर को हम श्री गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे. पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. मुझे महसूस होता है कि गुरु साहब की मुझ पर विशेष कृपा रही जो उन्होंने मुझे हमेशा अपने कार्यों में बहुत करीब से जोड़ा है. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष नवंबर में करतारपुर साहिब कॉरिडोर का खुलना बहुत ही ऐतिहासिक रहा. विदेश में रहने वाले हमारे सिख भाई-बहनों के लिए अब दरबार साहिब की सेवा के लिए राशि भेजना और आसान हो गया है. इस कदम से विश्वभर की संगत, दरबार साहिब के और करीब आ गई है.
ANI का ट्वीट:-
Parliament has recently passed farm reform laws after rigorous brainstorming. These reforms have not only broken shackles of farmers but have also given new rights and opportunities to them: PM Narendra Modi during Mann Ki Baat pic.twitter.com/wkhWtiLwNa
— ANI (@ANI) November 29, 2020
मन की बात में पीएम मोदी ने कृषि सुधार कानून की चर्चा करते हुए इसे किसानों के लिए नये अधिकार और नये अवसर पैदा करने वाला बताया. पीएम मोदी ने कहा कि बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं. काफी विचार-विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया. इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए, बल्कि उन्हें नए अधिकार, नए अवसर भी मिले हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़े रहे हैं. बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं. बरसों से किसानों की जो मांग थी,वो मांगें पूरी हुई हैं.