एक भारत श्रेष्ठ भारत से लेकर संविधान के सम्मान तक... पीएम मोदी ने संसद में गिनाए 11 संकल्प
PM Narendra Modi | ANI

नई दिल्ली: लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बड़े गर्व के साथ लोकतंत्र के उत्सव को मनाने का अवसर है. संविधान के 75 वर्ष की यादगार यात्रा है. इसके मूल में हमारे संविधान निर्माताओं की दिव्य दृष्टि है. हम इसे आगे लेकर चल रहे हैं. इस दौरान प्रधानमंत्री ने 11 संकल्प भी सदन में रखे. पीएम मोदी ने कहा कि इस संकल्प के साथ हम सब मिलकर आगे बढ़ते हैं तो संविधान को जो निहित भावना है, विकसित भारत का सपना भी पूरा होगा.

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प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सहयोग मांगा. उन्होंने युवा शक्ति पर विश्वास जताते हुए कहा कि भारत के युवाओं में वह क्षमता है जो देश को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है. उन्होंने कहा, "संविधान हमें अधिकार देता है, लेकिन यह हमारे कर्तव्यों की भी याद दिलाता है."

लोकसभा में पीएम मोदी ने रखे ये 11 संकल्प

  1. सभी नागरिक और सरकार अपने-अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें.
  2. हर क्षेत्र और समाज को विकास का समान लाभ मिले, ‘सबका साथ, सबका विकास’ की भावना बनी रहे.
  3. भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाए, और भ्रष्टाचारियों की सामाजिक स्वीकार्यता समाप्त हो.
  4. देश के कानूनों और परंपराओं के पालन में गर्व का भाव जागृत हो.
  5. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति मिले और देश की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व किया जाए.
  6. राजनीति को परिवारवाद से मुक्त कर लोकतंत्र को सशक्त बनाया जाए.
  7. संविधान का सम्मान हो और राजनीतिक स्वार्थ के लिए उसे हथियार न बनाया जाए.
  8. जिन वर्गों को संविधान के तहत आरक्षण मिल रहा है, वह जारी रहे, लेकिन धर्म के आधार पर आरक्षण न दिया जाए.
  9. महिलाओं के नेतृत्व में विकास (Women-led Development) को प्राथमिकता दी जाए.
  10. राज्य के विकास के माध्यम से राष्ट्र के विकास को सुनिश्चित किया जाए.
  11. ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के लक्ष्य को सर्वोपरि रखा जाए.

परिवारवाद और आरक्षण पर कांग्रेस को घेरा

प्रधानमंत्री मोदी ने परिवारवाद पर करारा हमला करते हुए कहा कि यह भारतीय राजनीति में लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करता है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरक्षण के मुद्दे पर उनके इतिहास को उजागर किया. पीएम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दशकों तक आरक्षण का विरोध किया और मंडल कमीशन की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाला. पीएम मोदी ने कहा कि अंबेडकर जी ने समाज में समता और संतुलित विकास के लिए आरक्षण की व्यवस्था की थी, लेकिन कांग्रेस ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया.