दत्त जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)
Datta Jayanti 2024 Marathi Wishes in Hindi: आज (14 दिसंबर 2024) त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश के संयुक्त रुप भगवान दत्तात्रेय की जयंती (Dattatreya Jayanti) धूमधाम से मनाई जा रही है, जबकि हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन दत्त जयंती (Datta Jayanti) यानी दत्तात्रेय जयंती का पर्व मनाया जाता है. भगवान दत्तात्रेय (Bhagwan Dattatreya) एकमात्र ऐसे देवता है, जिनमें त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अंश समाहित हैं. दत्त भगवान को गुरु और ईश्वर दोनों का स्वरूप माना जाता है, इसलिए इन्हें श्री गुरुदेवदत्त और परब्रह्ममूर्ति सद्गुरु भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा पर भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी जयंती को धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान दत्तात्रेय त्रिदेवों के अंश हैं, इसलिए उनके तीन सिर और छह भुजाएं हैं. श्वान उनका वाहन है और उनका प्रिय दिन गुरुवार है.
दत्त जयंती पर भगवान दत्तात्रेय की पूजा करने से त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है. इस पर्व को महाराष्ट्र में बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और लोग मराठी में इस पर्व की बधाई भी देते हैं. ऐसे में आप भी इन मराठी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स को प्रियजनों संग शेयर कर उनसे दत्त जयंतीच्या हार्दिक शुभेच्छा कह सकते हैं.
1- त्रिगुणात्मक त्रैमूर्ती दत्त हा जाणा
त्रिगुणी अवतार त्रैलोक्यराणा
नेति नेति शब्द न ये अनुमाना
सुरवर-मुनिजन योगी समाधी न ये ध्याना
दत्त जयंतीच्या शुभेच्छा!
दत्त जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)
2- श्रीपाद श्रीवल्लभ अवधूतचिंतन
श्री गुरूदेव दत्त महाराज की जय!
दत्त जयंतीच्या हार्दिक शुभेच्छा!
दत्त जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)
3- आता नको ही दिव्य दृष्टी
आता नको ही जड सृष्टी
फक्त असावी आपल्यावर
आपल्या सद्गुरूंची कृपादृष्टी
दत्त जयंतीच्या शुभेच्छा!
दत्त जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)
4- दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद
वल्लभ दिगंबरा!!
धावत येसी भक्तांसाठी,
ब्रम्हा, विष्णू, महेश्वरा!!
दत्त जयंतीच्या हार्दिक शुभेच्छा!
दत्त जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)
5- चिंतन तुमचे सत्य चिरंतन
मिटवी सारी चिंता रे।
चिन्मय माझ्या चित्तातील
चैतन्य तूची दत्ता रे ॥
दत्त जयंतीच्या हार्दिक शुभेच्छा!
दत्त जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)
दत्त जयंती से जुड़ी प्रचलित पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार नारद ऋषि ने अत्रि मुनि की पत्नी अनुसुइया के पतिव्रत धर्म की काफी प्रशंसा की थी. उस दौरान माता सती, देवी लक्ष्मी और मां सरस्वती भी वहां मौजूद थीं. इसके बाद त्रिदेवियों ने त्रिदेवों ब्रह्मा, विष्णु और महेश से देवी अनुसुइया के पतिव्रत धर्म की परीक्षा लेने का आग्रह किया, जिसके बाद त्रिदेव साधु के वेश में देवी अनुसुइया की परीक्षा लेने के लिए आश्रम पहुंचे.
देवी अनुसुइया ने अपनी दिव्य दृष्टि से तीनों साधुओं की सच्चाई जान ली, फिर उन्होंने तप बल का प्रयोग करते हुए तीनों पर कमंडल से जल छिड़का, जिसके बाद त्रिदेव छह माह के शिशु बन गए और तब माता ने उनका लालन पालन किया. ऋषि अत्रि ने अपनी शक्ति से चीनों शिशुओं को एक करते हुए उन्हें दत्तात्रेय नाम दिया. महर्षि अत्रि के पुत्र होने के कारण इन्हें आत्रेय भी कहा जाता है. इस प्रकार दत्त और आत्रेय मिलाकर उनका नाम दत्तात्रेय पड़ा.