Farmer Protest: दिल्ली में किसानों का आंदोलन फिर से जोर पकड़ने की तैयारी में है. पंजाब और हरियाणा के (शंभू) बॉर्डर पर डटे किसान अब रविवार को दिल्ली कूच की कोशिश करेंगे. लंबे समय से केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने 8 दिसंबर 2024 को दिल्ली कूच के लिए एक नई रणनीति बनाई है. इस बार 101 किसानों का जत्था राजधानी के लिए रवाना होगा, जो अपनी मांगों को लेकर सरकार से सीधी बातचीत की उम्मीद कर रहा है.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, 'हम बातचीत के लिए तैयार हैं, पहले भी तैयार थे, हम केंद्र के कृषि मंत्री से बातचीत करना चाहते हैं. इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि कल यानी शनिवार को का जत्था नहीं जाएगा. अब रविवार को कूच करेंगे.
शंभु बॉर्डर पर झड़प और आंसू गैस का इस्तेमाल
शंभु बॉर्डर पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा दागे गए आंसू गैस के गोले के कारण कुछ किसानों के घायल होने के बाद शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली के लिए अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया. किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि कुछ किसानों के घायल होने के मद्देनजर हमने आज के लिए ‘जत्था’ वापस बुला लिया है. किसानों का कल जाने वाला जत्था अब परसों जाएगा.
किसान नेता पंढेर ने कहा कि 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे एक बार फिर 101 किसानों का जत्था आगे बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस के एसपी ने आज हमसे पूछा था कि किस स्तर की बातचीत आप केंद्र सरकार से चाहते हैं तो हमने उन्हें बता दिया है कि हम किसी केंद्रीय मंत्री और खास तौर पर केंद्र सरकार के कृषि मंत्री से बातचीत के लिए तैयार होंगे.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि घायल किसानों की स्थिति को देखते हुए आंदोलन को एक दिन के लिए रोका गया है. उन्होंने कहा, "हम टकराव नहीं चाहते हैं. या तो हमें दिल्ली जाने दिया जाए या फिर केंद्र सरकार हमसे बातचीत करे."
8 दिसंबर को जत्था फिर से करेगा कूच
किसान संगठनों ने घोषणा की है कि 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे 101 किसानों का जत्था फिर से दिल्ली के लिए रवाना होगा. किसान नेताओं ने हरियाणा पुलिस के अधिकारियों से बातचीत की और अपनी मांगें स्पष्ट कीं. हरियाणा पुलिस ने किसानों से उनकी मांगों का लिखित ज्ञापन मांगा है, जिसे वे केंद्र सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दे रहे हैं. किसान संगठनों ने यह भी कहा है कि वे किसी केंद्रीय मंत्री, विशेषकर कृषि मंत्री से बातचीत के लिए तैयार हैं.
आंदोलन कर रहे किसानों की प्रमुख मांगें-
- MSP गारंटी को कानून बनाया जाए.
- स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर कीमत तय हो.
- किसानों का कर्ज माफ हो.
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू हो.
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 रद्द किया जाए.
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा मिले.
- आंदोलन में मारे गए किसान के परिवार को मुआवजा मिले.
पुलिस से टकराव नहीं चाहते किसान
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "हम शांति से अपना आंदोलन जारी रखना चाहते हैं और पुलिस से टकराव नहीं चाहते." किसानों की मांग है कि सरकार उनके साथ सार्थक बातचीत करे और उन्हें दिल्ली जाने दिया जाए.