Shakti Bill: देवेंद्र फडणवीस की मांग को उद्धव सरकार ने माना, ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी  के पास भेजा जाएगा शक्ति बिल
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस (Photo Credits ANI)

मुंबई: महाराष्ट्र में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा और यौन अपराधों की घटनाओं की रोकथाम के लिए सोमवार को शक्ति बिल (Shakti Bill) राज्य सरकार की तरफ से पेश किया. शक्ति विधेयक को हैदराबाद दिशा अधिनियम की तर्ज पर तैयार किया गया है. इस बिल में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा और यौन अपराधों के दोषियों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास और भारी जुर्माना सहित कड़ी सजा और मुकदमे की त्वरित सुनवाई के प्रावधान हैं. वहीं इस बिल में कुछ खामी बताते हुए बीजेपी मंगलवार को इसे पारित होने से पहले ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी  के पास राज्य सरकार से भेजने की मांग की. राज्य सरकार ने जिस मांग को स्वीकार कर लिया हैं.

महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा सरकार ने इस विधेयक को ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी (Joint Select Committee) के पास सरकार से भेजने की मांग की थी. सरकार ने उनकी मांग को मान ली हैं. जो अब इस बिल पर विस्तार से चर्चा होगी. पूर्व सीएम फड़नवीस ने कहा यह बहुत ही महत्वपूर्ण बिल है. इस पर चर्चा होनी चाहिए. यह भी पढ़े: Shakti Bill: महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने पेश किया ‘शक्ति बिल’, महिलाओं-बच्चों के खिलाफ अपराध पर है मौत की सजा का प्रावधान

सरकार द्वारा पास बिल में महिलाओं-बच्चों के खिलाफ अपराध में मौत की सजा, आजीवन कारावास और हिंसा के अपराधियों पर दस लाख रुपये तक का जुर्माना, तेज जांच और मामलों के त्वरित निपटारे के प्रावधान हैं. विधेयक में रेप, यौन उत्पीड़न, एसिड हमले और भारतीय दंड संहिता के बाल यौन शोषण, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण के मौजूदा वर्गों में बदलाव का प्रस्ताव है. बिल में दोषी पाए जाने वालों पर दस लाख रुपये तक का अतिरिक्त जुर्माना लगाने की भी मांग की गई है. इस  बिल में 15 दिनों के भीतर किसी मामले में जांच पूरी करने और 30 दिन के अंदर सुनवाई का प्रावधान भी है.