नई दिल्ली: नव वर्ष की पूर्व संध्या पर कैंसर (Cancer) से पीड़ित एवं कैंसर से जंग जीत चुके बच्चों के साथ राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (Rajiv Gandhi Cancer Institute & Research Centre) ने एक विंटर कार्निवाल (Winter Carnivals) का आयोजन किया. रोहिणी सेक्टर-5 ( Rohini Sector5) स्थित आरजीसीआईआरसी के गेस्ट हाउस 'आश्रय' में आयोजित कार्निवाल के दौरान इलाज करा रहे बच्चों को इलाज की मदद से इस बीमारी से पार पा चुके बच्चों से मिलने का मौका दिया गया.
बच्चों में कैंसर का इलाज एक जटिल प्रक्रिया है और इससे बच्चे व परिजनों पर शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से बहुत प्रभाव पड़ता है. यही कारण है कि इसका इलाज केवल मेडिकल से जुड़े मुद्दों पर नहीं टिका है, बल्कि इन सभी पहलुओं का ध्यान रखना होता है, इन्हीं लक्ष्यों को हासिल करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था.
'सेलिब्रेटिंग लाइफ' (Celebrating Life) के नाम से इस विंटर कार्निवाल का आयोजन आरजीसीआई के बाल रुधिर एवं कैंसर विभाग की प्रमुख (Hair Loss and Cancer Department) और मेडिकल डायरेक्टर डॉ. गौरी कपूर (Medical Director Dr. Gauri Kapoor) के प्रयासों से किया गया. डॉ. गौरी ने कहा, "कार्निवाल के दौरान हमने बच्चों को आर्ट एंड क्राफ्ट, कराओके सिंगिंग, पोस्टर प्रदर्शनी समेत अन्य गतिविधियों के माध्यम से खुशीभरे पल जीने का मौका दिया.
कैंसर के इलाज के साथ-साथ हम लोगों को जागरूक करने और स्वस्थ जीवनशैली व बेहतर वातावरण देने की दिशा में भी प्रयासरत हैं. इससे कैंसर से जूझ रहे बच्चों को अंदर से ताकत मिलती है. ऐसी गतिविधियां कैंसर का इलाज करा रहे बच्चों व उनके परिजनों को इस बीमारी से पार पा चुके बच्चों से मिलने का मौका देती हैं, जिससे वे प्रेरित होते हैं." कार्निवाल की थीम थी जागरूकता और बेहतर स्वास्थ्य. बच्चों को होने वाले कैंसर के प्रति जागरूकता होने से इसकी जल्द पहचान और बेहतर इलाज संभव हो पाता है.
ऐसा होने से इस बीमारी को ठीक करना आसान होता है. वहीं जागरूरता की थीम बचपन में कैंसर से जूझ चुके और ठीक हो चुके बच्चों को भविष्य में स्वस्थ रहने के तरीके सिखाने पर केंद्रित रही. बीमारी से ठीक हो चुके बच्चों के बारे में जानने से अभी इलाज ले रहे बच्चों और उनके परिवारों का भरोसा मजबूत होता है. दिनभर चले इस कार्निवाल में कैंसर से उबर चुके बच्चों ने कई स्टॉल लगाए.
यह भी पढ़ें: मुंबई के एक डॉक्टर का दावा, 9 दिन में ठीक हो सकता है कैंसर
कई माइंड गेम के साथ-साथ आर्ट एवं क्राफ्ट की गतिविधियां भी संचालित की गईं. यहां उपस्थित बच्चों व बड़ों ने जमकर मस्ती की और खुशनुमा पल के साक्षी बने. बच्चों ने विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया और पुरूस्कार जीते. मौके पर बाहरेन से अपना ईलाज कराने आये अर्पित ने बताया कि यहां का माहौल बहुत अच्छा है यहां मरीज को मरीज की तरह नहीं बल्कि दोस्त की बनाकर उसे प्रेरित किया जाता है और ईलाज होता है. डॉक्टर्स से लेकर पूरा स्टाफ बहुत सहायक है, जिसके चलते यहां हॉस्पिटल से ज्यादा पारिवारिक माहौल मिलता है, ऐसा लगता ही नहीं कि हम बीमार हैं और हमारा ईलाज चल रहा है.