Farmers Protest: किसान नेताओं और सरकार के बीच बैठक खत्म, नही निकला कोई हल; 3 दिसंबर को फिर होगी बातचीत
किसानों के साथ मीटिंग खत्म (Photo Credits ANI)

Farmers Protest: कृषि कानून के विरोध में किसानों के आंदोलन को उग्र होते देख केंद्र सरकार की तरफ से उनके साथ बातचीत के लिए आज दिल्ली के विज्ञान भवन बुलाया गया था. बातचीत में शामिल होने के लिए करीब 36 किसान संगठन के नेता शामिल हुए. किसान नेताओं और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) के बीच हुई बैठक से पहले लगा था कि आंदोलन खत्म करने के लिए बीच का रास्त निकल जाएगा. लेकिन करीब तीन घंटे चली बैठक के बाद फिलहाल कोई नतीजा नहीं निकला. किसानों की मांग को लेकर अब एक बार फिर से 3 दिसंबर को फिर से वार्ता होगी. सरकार और किसानों के बीच कोई हल नहीं निकलने पर किसानों का आंदोलन आगे भी इसी तरह चलता रहेगा.

सरकार कृषि कानून को लेकर  किसानों को संतुष्ट करने के लिए बैठक में एमएसपी (MSP) को लेकर विस्तृत प्रेजेंटेशन भी दिया गया. ताकि वे संतुष्ट हो सके कि इस कानून को आने के बाद किसानों का MSP पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वहीं दिल्ली में किसान नेताओं बातचीत में सरकार ने कहा कि आप अपने संगठनों से 4-5 लोगों के नाम दें, जिनको लेकर एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें सरकार के प्रतिनिधियों के साथ-साथ कृषि विशेषज्ञों को रखा जाएगा, जो नए कृषि कानूनों पर चर्चा करेंगे. यह भी पढ़े: Farmers Protest: किसानों से बातचीत को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला बोले- देर आए दुरुस्त आए, किसान देश के अन्नदाता है

बैठक में किसानों से समिति बनाने को कहा गया. लेकिन किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. किसान नेताओं की तरफ से कहा गया कि अब समिति बनाने का समय नहीं है. किसानों ने सरकार को इस कानून को वापस लेने के लिए कई बार समय दिया. लेकिन को निष्कर्ष नहीं निकला.

किसानों का आंदोलन आगे भी चलता रहेगा: प्रेम सिंह भंगू

किसानों की मांगे:

किसान संगठन मोदी सरकार द्वारा लागू तीन नये कृषि कानून, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन व कृषि सेवा पर करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि इन कानूनों का फायदा किसानों को नहीं, बल्कि कॉरपोरेट को होगा.केंद्रीय मंत्रियों के साथ मंगलवार को बैठक में इन तीनों कानूनों पर चर्चा होगी.

वहीं दूसरा बड़ा मसला न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की गारंटी का है.किसान चाहते हैं कि केंद्र सरकार उन्हें एमएसपी पर फसलों की खरीद की गारंटी दे. तीसरा मसला पराली दहन से संबंधित है. केंद्र सरकार ने हाल ही में पराली दहन पर रोक लगाने के लिए एक अध्यादेश लाया है जिसमें नियमों का उल्लंघन करने पर पांच साल तक जेल की सजा या एक करोड़ रुपये तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. किसान नेता इस अध्यादेश के मसले पर भी बातचीत करना चाहते हैं. (इनपुट आईएएनएस)