नई दिल्ली: दिवाली से पहले ही दिल्ली की हवा बहुत खराब स्तर पर पहुंच चुकी है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के पार हो चुका है, जो कि 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है. इस खतरनाक स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने कुछ अहम फैसले लिए हैं, ताकि प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके और लोगों को राहत मिल सके. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इन फैसलों की जानकारी दी.
Delhi Air Pollution: दिल्ली की हवा हुई 'बहुत खराब', GRAP II लागू; जानिए क्या रहेंगी पाबंदियां.
मेट्रो के फेरे बढ़ाए जाएंगे
वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सबसे पहला कदम पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना है. दिल्ली मेट्रो के फेरे बढ़ाए जा रहे हैं, ताकि लोग अपनी कारों और बाइकों का इस्तेमाल कम करें और मेट्रो का अधिक से अधिक उपयोग करें. दिल्ली मेट्रो रोजाना 40 अतिरिक्त फेरे लगाएगी, जिससे यात्रियों को सहूलियत होगी और सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो सकेगी.
DTC बसे भी लगाएंगी अधिक चक्कर
दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बसें भी अब ज्यादा चक्कर लगाएंगी. ताकि लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें और निजी वाहनों का उपयोग कम से कम हो. इस कदम से वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, क्योंकि वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का मुख्य कारण है.
ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की संख्या में इजाफा
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए 97 जगहों पर 1,800 अतिरिक्त ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा. यह पुलिसकर्मी ट्रैफिक को नियंत्रित करने के साथ-साथ वाहनों के प्रदूषण मानकों की जांच करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रदूषण फैलाने वाले वाहन सड़कों पर न चलें.
निर्माण स्थलों पर कड़ी निगरानी
निर्माण कार्य और तोड़फोड़ प्रदूषण के बड़े स्रोत होते हैं, खासकर जब धूल और मलबे को सही तरीके से निपटाया नहीं जाता. सरकार ने निर्माण स्थलों पर कड़ी निगरानी रखने का फैसला किया है. इसके लिए MCD के 6,000 से ज्यादा कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा, जो यह सुनिश्चित करेंगे कि धूल को नियंत्रित करने के लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव किया जाए और अन्य प्रदूषण नियंत्रण उपाय अपनाए जाएं.
जीआरएपी-II के तहत सख्त नियम लागू
दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए GRAP-II (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत नए नियम लागू किए गए हैं. इसके तहत डीजल जेनरेटरों के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है, और पार्किंग शुल्क बढ़ा दिया गया है, ताकि लोग अपनी निजी कारों का इस्तेमाल कम करें. साथ ही, सड़कों पर रोजाना मैकेनिकल और वैक्यूम स्वीपिंग की जाएगी और प्रदूषण वाले हॉटस्पॉट पर पानी का छिड़काव तेज किया जाएगा.
सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि दिल्ली में प्रदूषण को लेकर और सख्त कदम उठाए जाएंगे. पड़ोसी राज्यों से भी अनुरोध किया गया है कि वे डीजल बसों को दिल्ली में प्रवेश न करने दें.