कोरोना के खिलाफ जंग में सबसे बड़ा हथियार वैक्सीन है. सरकार इस बात को भलीभांति जानती है इसलिए देश के हर नागरिक को वैक्सीन उपलब्ध हो इस प्रयास में लगी है. सरकार लगातार वैक्सीन को लेकर, बिना समय गवाएं महत्वपूर्ण फैसले ले रही है. इसी क्रम में सरकार ने कहा है कि देश में जल्द ही कोरोना की 4 और नई वैक्सीन उपलब्ध हो जाएंगी. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने बताया कि देश में वैक्सीन का उत्पादन लगातार बढ़ाया जा रहा है. आगे 4 और वैक्सीन आने वाली हैं. इनमें बायो- ई की वैक्सीन, जायडस की डीएनए पर आधारित वैक्सीन, भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन और जिनेवा की वैक्सीन उपलब्ध होंगी. उन्होंने बताया कि 2021 के आखिर तक देश में वैक्सीन की 200 करोड़ डोज का उत्पादन हो चुका होगा.
4 और वैक्सीन के लिए सरकार कर रही फंडिंग:
डॉक्टर पॉल ने बताया कि सरकार कोविड सुरक्षा स्कीम के तहत जायडस कैडिला, बायो ई और जिनेवा की कोरोना वैक्सीन के देश में निर्माण के लिए फंडिंग कर रही है. इसके अलावा नेशनल लैब्स से उन्हें टेक्निकल सपोर्ट भी दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक की नाक से दी जाने वाली सिंगल डोज वैक्सीन के लिए भी केंद्र सरकार फंडिंग कर रही है और यह दुनिया के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है. ये सभी वैक्सीन ‘मेड इन इंडिया’ होंगी.
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वैक्सीन के लिए फाइजर और मॉडर्ना से बातचीत कर रही सरकार:
डॉ. पॉल ने ‘भारत की टीकाकरण प्रक्रिया पर मिथक और तथ्य’ विषय पर बात रखते हुए कहा कि वैक्सीन के लिए फाइजर और मॉडर्ना के साथ बातचीत चल रही है. दरअसल, रिपोर्ट्स के मुताबिक फाइजर ने जुलाई से अक्टूबर के दौरान टीके की पांच करोड़ खुराक देने की पेशकश की है. हालांकि, उसने कुछ रियायतें मांगी है और उसकी भारत सरकार के अधिकारियों के साथ कई बार बातचीत हो चुकी है. एक बैठक इसी सप्ताह हुई है. जल्द ही सरकार इस पर अपना मत स्पष्ट करेगी.
6 और कंपनियां बनाएंगी स्पूतनिक-V:
पॉल ने बताया कि रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-V का भी देश में जल्द प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. उन्होंने कहा कि स्पुतनिक-V का निर्माण जल्द ही भारत में शुरू होगा, क्योंकि देश ने भारतीय कंपनियों के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के काम को पूरा कर लिया है. नीति आयोग के सदस्य ने कहा कि सरकार रूस के साथ बातचीत कर रही है ताकि डॉक्टर रेड्डी लैब के साथ तालमेल करके 6 अन्य कंपनियां स्पूतनिक वैक्सीन का निर्माण भारत में करें. इससे न सिर्फ उत्पादन में तेजी आएगी अपितु वैक्सीन की कीमत भी ज्यादा नहीं होगी.
अक्टूबर तक हर महीने 10 करोड़ डोज बनाएगी भारत बायोटेक:
नीति आयोग के सदस्य डॉ. पॉल ने बताया कि भारत बायोटेक की वैक्सीन निर्माण क्षमता बढ़ाई जा रही है. जल्द ही 3 अन्य कंपनियां भी को-वैक्सीन का निर्माण करेंगी. इसके अलावा बायोटेक के अपने प्लांट्स की क्षमताएं भी बढ़ाई जा रही हैं. इस तरह 4 कंपनियों में को-वैक्सीन का उत्पादन होगा. इससे उम्मीद है उत्पादन क्षमता अक्टूबर तक 10 करोड़ डोज प्रति महीने हो जाएगी. पॉल ने कहा कि इसके अलावा 3 पब्लिक सेक्टर यूनिट्स मिलकर दिसंबर तक 4 करोड़ डोज के उत्पादन करेंगी.
साल के अंत तक देश में वैक्सीन की 200 करोड़ डोज का उत्पादन:
वैक्सीन प्रोडक्शन को लगातार बढ़ाने के लिए की जा रही कोशिशों का जिक्र करते हुए डॉक्टर पॉल ने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया भी अपनी क्षमता को 6.5 करोड़ डोज प्रति महीने से बढ़ाकर 11 करोड़ डोज प्रति महीने तक बढ़ाने वाला है. उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिशों की बदौलत 2021 के आखिर तक देश में वैक्सीन की 200 करोड़ डोज के उत्पादन का अनुमान है.
20.54 करोड़ से अधिक लोगों को लग चुका है टीका:
27 मई शाम 7 बजे तक स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पूरे देशभर में अब तक टीका लगवाने वालों की कुल संख्या 20.54 करोड़ (20,54,51,902) को पार कर गई. अमेरिका के बाद भारत दूसरा देश है, जहां टीका लगवाने वालों की संख्या 20 करोड़ को पार कर चुकी है. केंद्र सरकार की ओर से अब तक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 22.46 करोड़ टीके उपलब्ध करवाए गए हैं. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पास अभी भी 1.84 करोड़ टीके की खुराक बची हुई हैं.