COVID-19 से ठीक होने के 3 महीने बाद ही करा सकेंगे Vaccination, मोदी सरकार ने नई गाइडलाइन को दी मंजूरी
कोरोना वैक्सीनेशन (Photo Credits: Twitter)

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के खिलाफ देशभर में जारी वैक्सीनेशन के बीच केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइंस को मंजूरी दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) ने बुधवार को कोविड-19 वैक्सीनेशन (Covid-19 Vaccination) से संबंधित राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (NEGVAC) द्वारा सुझाई गई नई सिफारिशें स्वीकार कर ली हैं. ये सिफारिशें कोविड-19 के बदलते हालात और उभरते वैश्विक वैज्ञानिक प्रमाण एवं अनुभव (Global Scientific Evidence & Experience) पर आधारित हैं. नई गाइडलाइंस के मुताबिक, कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों का वैक्सीनेशन 3 महीने के लिए टाल देना चाहिए. यह भी पढ़ें- भारत में COVID की तीसरी लहर कैसी होगी? कैसे होगा कम से कम नुकसान? जानिए एक्सपर्ट का जवाब.

इसके अलावा कोरोना का पहला वैक्सीन लेने के बाद जो कोविड-19 से संक्रमित हो रहे हैं, उन्हें भी दूसरा वैक्सीन 3 महीने बाद ही लेने की सलाह दी गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा स्वीकार की गई सिफारिशों के बारे में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित कर दिया गया है, जो इस प्रकार हैं-

1. ऐसे लोगों में जिनमें प्रयोगशाला जांच में सार्स-2 कोविड-19 बीमारी की पुष्टि हुई है, ठीक होने के बाद कोविड-19 वैक्सीनेशन 3 महीने तक टाल दिया जाए.

2. ऐसे सार्स-2 कोविड-19 मरीज जिन्हें सार्स-2 रोधी मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज या कोनवेलेसेंट प्लाज्मा दिया गया है, उनका कोविड-19 वैक्सीनेशन अस्पताल से डिस्चार्ज होने की तारीख से 3 महीने तक के लिए टाल दिया जाए.

स्वास्थ्य मंत्रालय का ट्वीट-

3. ऐसे लोग जिन्हें कम से कम 1 डोज मिल चुकी है और डोज का शिड्यूल पूरा होने से पहले कोविड-19 संक्रमण हो गया, उनकी दूसरी डोज कोविड-19 बीमारी से चिकित्सकीय सुधार के बाद तीन महीने के लिए टाल दी जानी चाहिए.

4. अन्य गंभीर सामान्य बीमारी से पीड़ित लोग जिन्हें अस्पताल में भर्ती या आईसीयू देखभाल में जाने की जरूरत पड़ी हो, को भी कोविड-19 वैक्सीन लेने से पहले 4-8 सप्ताह का इंतजार करना चाहए.

कोई व्यक्ति अगर कोविड-19 बीमारी से जूझ रहा हो, तो कोविड-19 वैक्सीन लगवाने या आरटी-पीसीआर जांच निगेटिव आने के 14 दिन के बाद रक्त दान कर सकता है. सभी स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कोविड-19 वैक्सीनेशन कराए जाने की सिफारिश की जाती है. वैक्सीन लगवाने वालों के लिए, कोविड-19 वैक्सीनेशन से पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) के द्वारा कोई जांच की जरूरत नहीं है. गर्भवती महिलाओं के कोविड-19 वैक्सीनेशन के संबंध में, मामला विचाराधीन है और वैक्सीनेशन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) द्वारा विचार किया जा रहा है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन सिफारिशों के बारे में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित अधिकारियों को सूचित करने व इनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आगे कदम उठाने के बारे में लिखा है. राज्यों को स्थानीय भाषाओं में सूचना और संवाद के सभी साधनों के इस्तेमाल के माध्यम से सेवा प्रदाताओं के साथ ही आम जनता को इन सूचनाओं का प्रभावी प्रसार सुनिश्चित करने की सलाह दी है.

पीआईबी इनपुट