Coronavirus Cases in Delhi: दिल्ली में दोबारा बढ़ रहे हैं कोरोना महामारी के मामले, जानिए क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ की राय
कोरोना से जंग (Photo Credit- PTI)

नई दिल्ली: महानगरों के बाद देश के अन्य राज्यों में कोरोना (Coronavirus) के केस बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच पिछले कुछ दिनों से देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना पर लगी लगाम छूटती जा रही है और नये मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. अगर स्वस्थ्य विशेषज्ञ की मानें तो ऐसा लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही के कारण हो रहा है. सफदरजंग अस्पताल नई दिल्ली डॉ. एम के सेन ने कहा है कि वायरस से बचने के लिये तीन ही उपाय है, मास्क, हाथ की सफाई और लोगों से सुरक्षित दूरी.

उन्होंने कहा कि राजधानी में संक्रमितों की संख्या बीच में एक दम कम हो गयी थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों से मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसा इसलिये क्योंकि कहीं न कहीं लोग अनुशासन का पालन नहीं कर रहे हैं. लोग मास्क लगाने में लापरवाही करने लगे हैं. लोगों को लगने लगा है कि दिल्ली से कोरोना चला गया, जबकि ऐसा नहीं है. जब तक देश में कोरोना का एक भी केस है वैक्सीन नहीं आ जाती है तब तक कोरोना रहेगा और लोगों को इसके साथ ही जीना है. इस दौरान उन्होंने मास्क को लेकर एक बार फिर आगाह करते हुये कहा कि जब भी घर से बाहर निकलें तो मास्क का प्रयोग जरूर करें.

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सरफेस में कोरोना का वायरल लोड कम

अनलॉक होते देश में लोग कोरोना से बचाव के नियमों का पालन कर रहे हैं फिर भी कई लोगों को सतह और पैक्ड सामान से वायरस के संक्रमण को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है, इस बारे में डॉ सेन कहते हैं कि यह सार्स कोरोना वायरस-2 है और इसका संक्रमण सांस के द्वारा ही होता है. यानी अगर दो लोग एक मीटर के दायरे में हैं, और दोनों में किसी ने भी मास्क नहीं लगाया है और उनमें से कोई एक संक्रमित है, तो दूसरा संक्रमित हो सकता है. सरफेस की बात करें तो दरवाजे या फ्रिज के हैंडल, स्विच बोर्ड, लैपटॉप आदि पर वायरस होता है, लेकिन ह्यूमन टू ह्यूमन जितना प्रभावी नहीं होता है. किसी भी सतह को साबुन पानी, या एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइड सॉल्यूशन के घोल से साफ करने से उस पर मौजूद वायरस नष्ट हो जाते हैं.

पैकेट बंद सामान में वायरस की संभावना नहीं

जहां तक पैकेट बंद सामान की बात है खुले हुए सामान पर वायरस की मजूदगी की संभवना हो सकती है, लेकिन जो पैक्ड हैं, उनमें संभावना बहुत कम होती है, क्योंकि ज्यादातर कंपनियों में सामान मशीनों से पैक किया जाता है. अगर होगा भी तो एक निश्चित समय के बाद वायरस नष्ट हो जाता है. कई वस्तुएं हम गरम करके या पका कर खाते हैं, तो वायरस नष्ट हो जाते हैं. इसके अलावा कोई भी सामान लायें तो कुछ घंटे या एक-दो दिन बाद प्रयोग करें. रनिंग वॉटर में धोने पर भी वायरस खत्म हो जाता है या उसका प्रभाव कम हो जाता है.