Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले के बाद अटारी बॉर्डर पर 'बीटिंग रिट्रीट' समारोह पर संकट
Beating Retreat at Attari Border | PTI

नई दिल्ली: पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं. इन्हीं में से एक है अटारी एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) को तत्काल प्रभाव से बंद करना. इसके चलते अब वहां हर रोज शाम को होने वाला प्रसिद्ध बीटिंग रिट्रीट समारोह भी स्थगित किया जा सकता है. बीएसएफ (BSF) के अधिकारियों ने बताया है कि उन्हें अभी दिल्ली मुख्यालय से कोई औपचारिक आदेश नहीं मिला है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि हजारों लोगों को आकर्षित करने वाला यह आयोजन फिलहाल रोक दिया जाएगा.

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'बीटिंग रिट्रीट' क्या है और क्यों है खास?

हर शाम अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारत की बीएसएफ और पाकिस्तान की रेंजर्स एक साझा परेड करते हैं, जिसे 'बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी' कहा जाता है. यह एक राष्ट्रवादी और रोमांचक कार्यक्रम होता है, जिसे देखने के लिए अमृतसर और अन्य शहरों से हजारों पर्यटक वहां जुटते हैं.

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यह न सिर्फ देशभक्ति की भावना को जागृत करता है, बल्कि भारत-पाक के बीच सीमावर्ती माहौल को भी दर्शाता है. परंतु वर्तमान हालात में सरकार ने इसे स्थगित करने की संभावना जताई है.

पाकिस्तान पर एक्शन ले रहा भारत

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के बैसारन घाटी में 26 पर्यटकों की जान लेने वाला हमला भारत सरकार के लिए चेतावनी बनकर आया. यह हमला द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) नामक आतंकी संगठन ने किया, जिसे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा माना जाता है. इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण राजनयिक और रणनीतिक निर्णय लिए गए.

भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ निम्नलिखित सख्त कदम उठाए:

  • सिंधु जल संधि (1960) को निलंबित किया गया
  • अटारी ICP को बंद करने का आदेश
  • सार्क वीजा छूट योजना के तहत पाकिस्तानियों को मिली यात्रा सुविधा रद्द
  • पाकिस्तानी राजनयिकों को देश छोड़ने का निर्देश
  • पाकिस्तानी सरकार का X (ट्विटर) अकाउंट भारत में ब्लॉक
  • इन कड़े कदमों का असर अब सांस्कृतिक और सीमावर्ती आयोजनों पर भी दिखने लगा है, जिसका पहला उदाहरण है बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का संभावित रद्द होना.

पर्यटकों की संख्या में गिरावट तय, स्थानीय व्यवसाय होंगे प्रभावित

बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि अब चूंकि केवल 1 मई 2025 तक वैध अनुमति रखने वाले लोग ही बॉर्डर पार कर सकेंगे, इसलिए पर्यटकों की आवाजाही पर भी असर पड़ेगा. अमृतसर जिले के प्रशासन ने भी माना है कि उन्हें इस समारोह के रद्द होने को लेकर कोई औपचारिक निर्देश नहीं मिले हैं, लेकिन सुरक्षा हालात और कूटनीतिक फैसलों को देखते हुए कार्यक्रम स्थगित किए जाने की संभावना प्रबल है.