
नई दिल्ली: पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने पंजाब के अटारी बॉर्डर को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला लिया. यह कदम जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद उठाया गया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई. अटारी बॉर्डर पर कारोबार करने वाले व्यापारियों ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. भले ही इससे व्यापार पर असर पड़े, लेकिन देश की सुरक्षा पहले है, यही उनका संदेश था.
अमृतसर के अटारी में वर्षों से कारोबार कर रहे एक व्यापारी ने कहा, "बॉर्डर बंद होने से निश्चित तौर पर कारोबार पर असर पड़ेगा... लेकिन जो हमला हुआ वो भी बहुत गलत था." एक अन्य व्यापारी ने कहा कि पुलवामा और अब पहलगाम जैसे हमले देश के खिलाफ सीधा हमला हैं. "मोदी जी जैसा देश चला रहे हैं, चलने दीजिए. हम उनके फैसलों के साथ हैं."
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी, आतंक के खिलाफ सख्त कदम
अटारी बॉर्डर बंद करने के साथ-साथ भारत सरकार ने कई और अहम कदम उठाए हैं:
पाकिस्तानी हाई कमीशन के सभी सैन्य सलाहकारों (सेना, नौसेना, वायुसेना) को ‘पर्सोना नॉन ग्रेटा’ घोषित कर एक सप्ताह में भारत छोड़ने का आदेश दिया है. भारत भी अपने सभी सैन्य सलाहकारों को इस्लामाबाद से वापस बुला रहा है. इसके अलावा सिंधु जल समझौता (Indus Waters Treaty) को स्थगित कर दिया गया है. SAARC वीज़ा छूट योजना के तहत पाकिस्तानियों को भारत आने की अनुमति रद्द कर दी गई है. पहले से जारी वीजा भी रद्द कर दिए गए हैं.
राजौरी और पहलगाम में हाई अलर्ट, चौकसी बढ़ी
पुलवामा हमले के बाद सबसे भयावह माने जा रहे पहलगाम हमले के बाद, राजौरी-पुंछ हाईवे पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. पुलिस, सेना और ट्रैफिक पुलिस मिलकर चौकियों पर चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं. भारी ट्रकों की आवाजाही पर रोक है ताकि किसी भी खतरे से बचा जा सके.
2019 के बाद सबसे बड़ा हमला
यह हमला अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है. 2019 में हुए पुलवामा हमले में 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे, और अब पहलगाम की खूबसूरत वादियों में 26 लोगों की जान गई है – जिनमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक शामिल हैं.