
श्रीनगर: 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले ने जम्मू-कश्मीर के मशहूर हिल स्टेशन पहलगाम को झकझोर कर रख दिया. एक समय तक चहचहाते पर्यटकों और गूंजती हंसी-ठिठोली से भरपूर यह जगह अब एक "घोस्ट टाउन" यानी वीरान शहर में तब्दील हो चुकी है. इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल हैं. पहलगाम में हाल ही में होटल निर्माण में बूम देखा गया था, लेकिन अब सारे कमरे खाली हो चुके हैं. एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, बुधवार सुबह लगभग 200 निजी गाड़ियां पर्यटकों को जम्मू की ओर ले गईं.
'दिनभर भीड़ रहती थी, अब सन्नाटा है': स्थानीय व्यवसायियों का दर्द
यानर राफ्टिंग पॉइंट पर स्थित ‘दाना रसूली रेस्टोरेंट’ के मालिक उमर मजीद, जो एक आर्ट्स ग्रेजुएट हैं, उन्होंने बताया, "मैं हर दिन सैकड़ों ग्राहकों को खाना परोसता था, बिजनेस इतना अच्छा चल रहा था कि कई बार खुद दोपहर का खाना तक नहीं खा पाता.” लेकिन मंगलवार को हालात पलट गए. ग्राहकों की भीड़ नहीं, बल्कि दहशत में डूबे चेहरे रेस्टोरेंट में शरण लेने आए.
उमर ने बताया कि जैसे ही बाइसरान घास के मैदान में हमले की खबर आई, लोगों में अफरा-तफरी मच गई. उन्होंने और आसपास के रेस्टोरेंट्स ने डरे हुए पर्यटकों को मुफ्त में खाना परोसा, लेकिन शाम होते-होते पहलगाम लगभग खाली हो चुका था.
पहलगाम में हमले के बाद के हालात
#WATCH | J&K | Morning visuals from Pahalgam, where a horrific terror attack took place on the 22nd of April, claiming the lives of 26 people, including 25 Indians and one Nepali citizen. #PahalgamTerroristAttack pic.twitter.com/fT7VNKcEhv
— ANI (@ANI) April 24, 2025
'कश्मीरी लोगों ने दिल से मदद की' - पर्यटकों की भावनाएं
यूएई के इंजीनियर संदाना सिल्वम ने बताया कि उनका 15 लोगों का समूह घाटी में ही रुक गया. “हम हमले से दुखी हैं, लेकिन कश्मीरी लोगों की मदद देखकर दिल भर आया. कई स्थानीय लोग खुद आगे आकर हमारी सुरक्षा का भरोसा दिला रहे थे.”
स्थानीय विधायक ने क्या कहा?
स्थानीय विधायक अल्ताफ कालू ने कहा कि हमले के बाद उन्हें दर्जनों घबराए हुए पर्यटकों के फोन आए. अधिकतर पर्यटक होटल की लॉबी में बैठे रहे, जब तक उन्हें सुरक्षा की पक्की जानकारी नहीं मिल गई.
एक हमले ने बदली एक पूरी घाटी की तस्वीर
पहलगाम, जो कभी शांति और खूबसूरती का प्रतीक था, अब डर और असमंजस की छाया में है. यह दर्दनाक घटना दिखाती है की आतंकवाद से सिर्फ लोगों की जान नही लेता... विश्वास, पर्यटन, और आजीविका भी उजाड़ देता है.