Chennai: सीबीआई ने चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट से जुड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में 9 को किया गिरफ्तार
सीबीआई (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को कहा कि उसने चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट (Chennai Port Trust) की सावधि जमा को फोरक्लोजर करने से जुड़े बैंक (Bank) धोखाधड़ी मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. सीबीआई के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि एजेंसी ने गणेश नटराजन (Ganesh Natarajan), वी मणिमोझी (V Manimozhi), जे सेल्वकुमार (J Selvakumar) उर्फ सेल्वम, के जाकिर हुसैन (K Zakir Hussain), एम विजय हेराल्ड (M Vijay Herald), एम राजेश सिंह (M Rajesh Singh), एस सियाद (S Siyad), एस अफसर और वी सुदलाईमुथु (V Sudlaimuthu) उर्फ अन्नाची को गिरफ्तार किया है. Dhanbad Judge Death Case: झारखंड सरकार CBI को सौंपेगी केस, आरोपियों का नार्को और ब्रेन मैपिंग समेत चार टेस्ट कराने की इजाजत मिली

सीबीआई द्वारा पिछले साल 31 जुलाई को चेन्नई में इंडियन बैंक की शिकायत पर दो निजी व्यक्तियों, चेन्नई में इंडियन बैंक की कोयम्बेडु शाखा के शाखा प्रबंधक और अन्य अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के एक साल बाद यह गिरफ्तारी हुई है. इन पर बैंक के साथ 100.57 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के इरादे से जालसाजी करने का आरोप है.

शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया था कि चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट (सीपीटी) के नाम पर सृजित कई सावधि जमा (फिक्स्ड डिपोजिट) को फोरक्लोजिंग या प्री-क्लोजिंग के माध्यम से इंडियन बैंक को 45.4 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.

उन्होंने कहा कि यह भी आरोप लगाया गया था कि आरोपियों ने एक-दूसरे के साथ साजिश में बैंक और सीपीटी को कोयम्बेडु शाखा, इंडियन बैंक में सावधि जमा खोलने के लिए प्रचारित किया और तदनुसार, मार्च 2020 के बीच की अवधि के दौरान 45 सावधि जमा (एफडी) बनाए गए और मई 2020.

अधिकारी ने कहा कि एक आरोपी ने कथित तौर पर खुद को सीपीटी के उप निदेशक (वित्त) के रूप में प्रतिरूपित किया और कोयम्बेडु शाखा में सीपीटी के नाम से एक नकली चालू खाता खोला.

उन्होंने बताया कि हर मौके पर सीपीटी से निवेश प्राप्त होने के बाद, बैंक ने उस निवेश के विरुद्ध सावधि जमा रसीदें (बॉन्ड) बनाई और वह बॉन्ड आरोपी को सीधे बैंक से प्राप्त हुआ. मूल बॉन्ड को सीपीटी को देने के बजाय आरोपी ने डुप्लीकेट बॉन्ड बनाए और जाली बांड सीपीटी को सौंपे.

उन्होंने कहा कि यह भी आरोप लगाया गया कि मूल बॉन्ड के कब्जे में होने के कारण, आरोपियों ने कथित तौर पर इसे इंडियन बैंक के सामने पेश किया और सावधि जमा को उनके निर्माण के कुछ दिनों के भीतर एक के बाद एक पूर्व में ही बंद कर दिया.

अधिकारी ने कहा, सावधि जमा को पूर्व-बंद करने से प्राप्त धन को कथित तौर पर सीपीटी के नाम पर आरोपी द्वारा बनाए गए नकली चालू खाते में जमा किया गया था और बाद में 28 अलग-अलग खातों में स्थानांतरित कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि पैसा वापस ले लिया गया था.

उन्होंने कहा कि सीपीटी सावधि जमा में लगातार निवेश कर रहा था और आरोपी द्वारा एक के बाद एक इसे कथित रूप से पहले से बंद कर दिया गया था. उस प्रक्रिया में, पांच निवेशों में सीपीटी से कुल 100.57 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए, जिसके विरुद्ध विभिन्न राशियों के 45 सावधि जमा बनाए गए.

उन्होंने कहा, निवेश की गई कुल राशि में से 55.19 करोड़ रुपये धोखाधड़ी का पता चलने के बाद फ्रीज किए जा सकते थे और शेष 45.40 करोड़ रुपये आरोपी द्वारा ठग लिए गए थे. अधिकारी ने कहा कि इससे पहले चेन्नई, तिरुनेलवेली, तूतीकोरिन और नागरकोइल सहित 22 स्थानों पर तलाशी ली गई थी, जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज और सामग्री बरामद हुई थी.

गिरफ्तार किए गए नौ आरोपियों में से आठ को सीबीआई अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. अधिकारी ने कहा कि तिरुनेलवेली से गिरफ्तार एक आरोपी को अदालत से ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया है.