मुजफ्फरपुर केस: सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- शेल्टर होम में नहीं हुई किसी नाबालिग की हत्या
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो )

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) (CBI) ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को बताया कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह (शेल्टर होम) में किसी नाबालिग कैदी की हत्या नहीं की गई. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम (Muzaffarpur Shelter Home) में रहने वाली लड़कियों ने बालिका गृह में नाबालिग कैदियों की हत्या का आरोप लगाया था, जिसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. अब एजेंसी का कहना है कि जांच से पता चला कि यह आरोप सही नहीं है और सभी 35 लड़कियां जीवित पाई गई हैं.

अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने सीबीआई का प्रतिनिधित्व करते हुए न्यायाधीश बी.आर. गवई और सूर्यकांत सहित प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दलील दी.  उन्होंने कहा कि अदालत को मामले पर सीलबंद लिफाफे में सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट स्वीकार करनी चाहिए.

वेणुगोपाल ने कहा कि दुष्कर्म और बच्चों के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच पूरी हो गई है और संबंधित अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल कर दिए गए हैं. इस पर, प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "हम आपके आवेदन की अनुमति के लिए तैयार हैं." इसके बाद पीठ ने सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया.

वेणुगोपाल ने कहा, "एक या दो पीड़ितों ने अपने बयान में कहा है कि 35 लोगों की हत्या कर दी गई है. सीबीआई ने जांच की और पाया कि वह वास्तव में जीवित हैं. हमारे पास बच्चों की जांच करने वाली एक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस (एनआईएमएचएएनएस) टीम थी. बच्चे गंभीर आघात में पाए गए और उनसे एक सुसंगत जवाब नहीं मिल सका." यह भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर केसः शेल्टर होम में नहीं मिला बच्चों की हत्या का सबूत, 17 मामलों की जांच हुई पूरी

सीबीआई ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले सहित सभी 17 आश्रय गृह मामलों में जांच पूरी हो गई है. स्थिति रिपोर्ट स्पष्ट रूप से कई जिला मजिस्ट्रेट और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कर्तव्य की लापरवाही के लिए विभागीय कार्रवाई की मांग करती है. सीबीआई ने आश्रय गृह और गोद लेने वाली एजेंसियों के संचालन में शामिल विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों को ब्लैकलिस्ट करने की भी मांग की.

वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि जांच के दौरान बरामद दो कंकाल आश्रय गृह से जुड़े किसी व्यक्ति के नहीं थे, बल्कि वे एक पुरुष और महिला के थे. सीबीआई ने कहा, "सभी 17 आश्रय गृह मामलों की जांच पूरी हो गई है. 13 नियमित मामलों में अंतिम रिपोर्ट अदालत को भेज दी गई है. सभी चार प्रारंभिक जांच भी पूरी हो गई है और कोई भी अपराध साबित नहीं हुआ है, इसलिए इस संबंध में कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है."