नई दिल्ली: सीबीआई (केंद्रीय जांच एजेंसी) ने बिहार के मुजफ्फरपुर समेत शेल्टर होम (Muzaffarpur Shelter Home) में यौन उत्पीड़न के 17 मामलों की जांच पूरी कर ली है. देश की शीर्ष कोर्ट को सीबीआई (CBI) ने बताया कि उसे जांच के दौरान किसी भी बच्चे की हत्या को लेकर सबूत नहीं मिला है. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के एक अन्य मामले की सुनवाई दिल्ली की एक अदालत में पूरी हो चुकी है, जिस पर फैसला 14 जनवरी को सुनाया जाएगा.
सीबीआई को शेल्टर होम कांड की जांच में हत्या का कोई सबूत नहीं मिला है. इस बारे में सीबीआई ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में किसी भी लड़की की हत्या नहीं की गई थी. शेल्टर होम जो कंकाल मिले थे, किसी नाबालिगों के थे ही नहीं. जो हड्डियां मिली वो बालिग लोगों की थी. बिहार: मुजफ्फरपुर में 4 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म, हालत गंभीर
हाल ही में सीबीआई की ओर से दाखिल किए गए स्थिति रिपोर्ट में कहा गया था कि सभी 17 शेल्टर होम मामलों में जांच पूरी हो गई है. जबकि 13 नियमित मामलों में अंतिम रिपोर्ट कोर्ट को भेजी गई है. चार प्रारंभिक मामलों की जांच पूरी हो गई है और आपराधिक कृत्य को साबित करने वाले साक्ष्य नहीं मिले और इसलिए इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.
CBI tells Supreme Court that investigation in all 17 shelter homes cases, including Muzaffarpur(Bihar) shelter home abuse case, has been completed. No girl was killed in Muzaffarpur shelter home and skeletons found were not of inmate minors, AG KK Venugopal says.
— ANI (@ANI) January 8, 2020
सीबीआई ने यह भी कहा कि बिहार सरकार से आग्रह किया गया है कि विभागीय कार्रवाई करे और सीबीआई के प्रारूप में जांच परिणाम मुहैया कर संबंधित एनजीओ का पंजीकरण रद्द करने और उन्हें काली सूची में डालने के लिए कहा गया है.
उल्लेखनीय है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ की ओर से संचालित शेल्टर होम में कई लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया था और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट के बाद मामला प्रकाश में आया था. यह शेल्टर होम बिहार पीपुल्स पार्टी के पूर्व विधायक ब्रजेश ठाकुर चलाते थे. जो खुद इस मामलें में आरोपी है, और अभी जेल में है. (एजेंसी इनपुट के साथ)