बिहार (Bihar) में भीषण गर्मी और लू कहर बरपा रही है. भयंकर गर्मी और हीट वेव (Heatwave) के कारण बीते दो दिनों में बिहार में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच, गया (Gaya) के डीएम अभिषेक सिंह ने चिलचिलाती गर्मी को देखते हुए जिले में धारा 144 (Section 144) लागू कर दिया है. इसके अलावा सरकारी और गैर-सरकारी निर्माण कार्य, मनरेगा के तहत होने वाले काम (MGNREGA Labour Work) पर रोक लगा दी गई है. वहीं, सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक गया जिले में कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम या खुली जगहों में एकत्रित होने पर रोक लगा दी गई है. वहीं, सरकार ने बिहार के सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को 22 जून तक बंद रखने का आदेश दिया है. ज्ञात हो कि बिहार के गया, औरंगाबाद, नवादा, नालंदा, पटना समेत कई जिले भीषण गर्मी की मार झेल रहे हैं.
बिहार के स्थानीय अखबार हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में भीषण गर्मी और लू के कारण रविवार को 120 लोगों की मौत हुई तो वहीं, शनिवार को 61 लोगों ने जान गंवाया था. उधर, नालंदा के पावापुरी मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक ज्ञान भूषण ने सोमवार को बताया कि हीट स्ट्रोक के कारण पांच लोगों की मौत हुई है जबकि 58 मरीजों का इलाज चल रहा है. वहीं, रविवार को हीट वेव से होने वाली मौत का आंकड़ा 120 था. हालांकि 112 मौतों की आधिकारिक पुष्टि हुई थी, जबकि शनिवार को 61 लोगों की मौत हुई थी और इसमें सबसे अधिक मौत औरंगाबाद जिले में हुई थी. यह भी पढ़ें- बिहार में 'चमकी बुखार' से दम तोड़ रहे बच्चों को लेकर तेजप्रताप यादव ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना, कहा- सुशासन बाबू अब भी आप सो रहे हैं
All government and government-aided schools in Bihar to remain closed till June 22 in view of prevailing heatwave conditions pic.twitter.com/tcb67vdkUa
— ANI (@ANI) June 17, 2019
Gaya: District Magistrate issues an order in view of scorching heat under section 144 (prohibiting unlawful assembly); bans governmental/non-governmental construction works, MGNREGA labour work, and any cultural programme or gathering in open spaces, between 11 am to 4 pm. #Bihar pic.twitter.com/gLnR1Y0XeN
— ANI (@ANI) June 17, 2019
बिहार के सरकारी अस्पतालों में लू से पीड़ित 300 से अधिक मरीज भर्ती हैं. मालूम हो कि पटना में शनिवार को अधिकतम तापमान साल 2009 के बाद के पिछले 10 वर्षों के रिकॉर्ड को पार कर गया था. बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन मौतों पर दुख व्यक्त किया था और पीड़ितों के परिजनों को 4 लाख रुपया का मुआवजा देने की घोषणा की थी.