नई दिल्ली: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने कहा है कि स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं पर आने वाले खर्च से केन्द्र सरकार (Central Government) पूरी तरह वाकिफ है लेकिन इसके बावजूद उसका इन पर नजर रखने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि यह राज्य सूची का विषय है. मांडविया ने शुक्रवार को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहाराष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (NSSO) की ओर से जनवरी से जून 2014 तक कराए गए राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (National Sample Survey) के 71वें दौर की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) की तुलना में प्राइवेट अस्पतालों (Private Hospitals) में भर्ती होने पर आने वाला औसत खर्च काफी अधिक है. यह भी पढ़े: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया आज राज्यसभा में द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च बिल 2021 को पेश करेंगे
निजी अस्पताल मरीजों से जिस तरह अनावश्क बिल चार्ज करते हैं उन पर संज्ञान लेना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है तथा इस तरह की प्रवृतियों पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए. इस तरह के मामलों के रिकार्ड केन्द्र सरकार के पास नहीं रखे जाते हैं.
स्वास्थ्य संबंधी देखभाल सेवाओं को आम आदमी की पहुंच में रखने से जुड़े एक प्रश्न का जवाब देते हुए मांडविया ने कहा वहनीय तथा गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत नए एम्स की स्थापना कर रही है. इसके अलावा राज्य सरकारों को नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना और स्नातक तथा पोस्टग्रेज्युट कोर्से की सीटों को बढ़ाने के लिए सहायता भी दी जा रही है.
उन्होंने कहा राज्यों की तरफ से कार्यक्रम क्रियान्वयन योजनाओं के तहत जो प्रस्ताव भेजे जाते हैं उनके अंतर्गत जिला स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों को तकनीकी एवं वित्त्तीय सहायता दी जा रही है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने एक स्वास्थ्य तंत्र द्वष्ट्रिकोण को अपनाया है ताकि जन स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान करने के नेटवर्क को बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके. इससे नागरिकों को प्राथमिक तथा दूसरे स्तर की समग्र स्वास्य सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी.