
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बीच भाषा विवाद को लेकर जुबानी जंग तेज हो गई है. तीन-भाषा नीति को लेकर योगी आदित्यनाथ की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए स्टालिन ने कहा कि यह विडंबना नहीं, बल्कि "राजनीतिक ब्लैक कॉमेडी का सबसे काला रूप" है.
हिंदी थोपने के विरोध में तमिलनाडु
तमिलनाडु सरकार लंबे समय से केंद्र की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में प्रस्तावित तीन-भाषा प्रणाली का विरोध कर रही है. डीएमके का आरोप है कि केंद्र सरकार दक्षिण भारतीय राज्यों पर हिंदी थोपने की कोशिश कर रही है. वहीं, बीजेपी का कहना है कि डीएमके इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है.
योगी आदित्यनाथ ने स्टालिन पर निशाना साधते हुए कहा, "डीएमके हिंदी का विरोध क्यों कर रही है? देश को भाषा और क्षेत्र के आधार पर बांटना गलत है. प्रधानमंत्री मोदी जी ने काशी-तमिल संगमम का आयोजन किया, जो यह दर्शाता है कि तमिल और संस्कृत दोनों भारत की प्राचीन और गौरवशाली भाषाएँ हैं."
परिसीमन पर बढ़ता टकराव
तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच एक और बड़ा मुद्दा परिसीमन (Delimitation) को लेकर है. परिसीमन की प्रक्रिया 2026 के बाद होने की संभावना है, जिससे दक्षिणी राज्यों को नुकसान हो सकता है. स्टालिन का कहना है कि तमिलनाडु और अन्य दक्षिणी राज्यों ने परिवार नियोजन को प्रभावी रूप से लागू किया है, जिससे उनकी आबादी नियंत्रण में रही. ऐसे में यदि जनसंख्या के आधार पर संसदीय सीटों का पुनर्वितरण होता है, तो दक्षिणी राज्यों का प्रभाव कम हो सकता है, जबकि वे देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.
Tamil Nadu’s fair and firm voice on #TwoLanguagePolicy and #FairDelimitation is echoing nationwide—and the BJP is clearly rattled. Just watch their leaders’ interviews.
And now Hon’ble Yogi Adityanath wants to lecture us on hate? Spare us. This isn’t irony—it’s political black… https://t.co/NzWD7ja4M8
— M.K.Stalin (@mkstalin) March 27, 2025
स्टालिन का तीखा जवाब
स्टालिन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर योगी आदित्यनाथ पर पलटवार करते हुए लिखा, "तमिलनाडु का दो-भाषा नीति और परिसीमन पर रुख अब पूरे देश में गूंज रहा है, जिससे बीजेपी बौखला गई है. अब योगी आदित्यनाथ हमें नफरत पर लेक्चर देना चाहते हैं? हमें बख्शिए. यह विडंबना नहीं, बल्कि राजनीति की काली कॉमेडी है. हम किसी भाषा का विरोध नहीं करते, हम केवल जबरन थोपने और भाषायी अहंकार का विरोध करते हैं. यह वोटों के लिए दंगे भड़काने की राजनीति नहीं, बल्कि सम्मान और न्याय की लड़ाई है."
राजनीतिक संग्राम जारी
डीएमके और बीजेपी के बीच भाषा विवाद और परिसीमन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं. स्टालिन जहां इसे तमिलनाडु की अस्मिता का मुद्दा बता रहे हैं, वहीं बीजेपी इसे "विभाजनकारी राजनीति" करार दे रही है. ऐसे में यह बहस आगामी चुनावों में अहम भूमिका निभा सकती है.