देश की सबसे बड़ी अदालत ने सबसे बड़े फैसले में अयोध्या की विवादित जमीन अपना फैसला सुना दिया है. अदालत ने अपने फैसले में विवादित जमीन पर रामलला के हक में सुनाया. फैसले में कहा गया कि राम मंदिर विवादित स्थल पर बनेगा और मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन अलग से दी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए तीन महीने में ट्रस्ट बनाए. कोर्ट के इस फैसले के बाद देश के सभी दिग्गज नेता अपनी-अपनी प्रतक्रिया दे रहे हैं, वहीं महाराष्ट्र से मनसे (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ( Raj Thackeray) ने अयोध्या मामले (Ayodhya verdict) पर सुप्रीम कोर्ट (SC) के फैसले का स्वागत किया. राज ठाकरे ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं, उन्होंने कहा जिन कारसेवकों (Karsevaks) ने उस वक्त कुर्बानी दी थी. वो कुर्बानी व्यर्थ नहीं गया. उन्होंने कहा कि जल्दी से राम मंदिर (Ram Temple) का निर्माण शुरू होना चाहिए. इसके साथ ही राम राज्य भी आना चाहिए.
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है. इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है. देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है: यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है. हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया. न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया.
MNS chief Raj Thackeray: I am happy today. All 'karsevaks' who gave sacrifices during the entire struggle..their sacrifice has not gone waste.Ram Temple must be constructed at the earliest. Along with Ram Temple, there should also be ‘Ram Rajya’ in the nation,that is my wish. pic.twitter.com/kUtg2cHTFN
— ANI (@ANI) November 9, 2019
बता दें कि फैसले के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि, मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूं कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द्र से परिपूर्ण एक भारत-श्रेष्ठ भारत के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें. मुझे पूर्ण विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा. यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा.
मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा।
— Amit Shah (@AmitShah) November 9, 2019
सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी
सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने अयोध्या में विवादित भूमि पर रही ऐतिहासिक मस्जिद को अमूल्य' बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फरमान के मुताबिक किसी दूसरी जगह मस्जिद बनाना उन्हें मंजूर नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित स्थल हिंदू पक्ष को मंदिर के निर्माण के लिए दे दी है और मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में ही कोई और वैकल्पिक जमीन देने का आदेश दिया गया है.
Zafaryab Jilani, All India Muslim Personal Law Board: We will file a review petition if our committee agrees on it. It is our right and it is in Supreme Court's rules as well. #AyodhyaJudgment https://t.co/ICu8y7fOzI pic.twitter.com/iAoOIcjMTz
— ANI (@ANI) November 9, 2019
ओवैसी ने कहा बड़ी चूक
अयोध्या मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (MIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट सबसे बड़ा है, पर अचूक नहीं. ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरह वह भी फैसले से सहमत नहीं हैं.
Asaduddin Owaisi: Not satisfied with the verdict. Supreme Court is indeed supreme but not infallible. We have full faith in the constitution, we were fighting for our right, we don't need 5 acre land as donation. We should reject this 5 acre land offer, don't patronize us. pic.twitter.com/wKXYx6Mo5Q
— ANI (@ANI) November 9, 2019
छावनी में बदली अयोध्या
फैसले के बाद खुफिया एजेंसियों की सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अयोध्या में सभी होटलों, धर्मशालाओं और रेस्ट हाउसों को छान मारा। जिले के सभी प्रवेश और निकास द्वारों पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है. अयोध्या पुलिस के सूत्रों के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के अलावा पुलिस ने शहर में 98 स्थानों को संवेदनशील माना है और वहां पुलिस चौकियां स्थापित की गई हैं. विवादित स्थल पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को अलर्ट पर रखा गया है.