अयोध्या फैसले पर पुनर्विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट में 6 नई याचिकाएं दायर
अयोध्या (Photo Credits: ANI)

अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण का रास्ता साफ करने वाले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के नौ नवंबर के फैसले पर पुनर्विचार के लिए अब तक शीर्ष अदालत में छह नई याचिकायें दायर की गईं. तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने सर्वसम्मति के फैसले में 2.77 एकड़ की विवादित भूमि की डिक्री ‘राम लला विराजमान’ के पक्ष में की थी और अयोध्या में ही एक प्रमुख स्थान पर मस्जिद निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि आबंटित करने का निर्देश केंद्र सरकार को दिया था.

पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद अयूब ने कहा, 'हमारी पार्टी ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटिशन दाखिल की है. यह फैसला समझौते के आधार पर दिया गया था, सबूत नहीं.' यह भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश: अयोध्या में बाबरी ढांचा विध्वंस की बरसी पर 6 दिसंबर को अलर्ट जारी, संवेदनशील जगहों पर बढ़ाई गई सुरक्षा.

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए पहली याचिका दो दिसंबर को मूल वादकारियों में शामिल एम सिद्दीक के वारिस और उप्र जमीयत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना सैयद अशहद रशीदी ने दायर की थी. इस याचिका में 14 बिन्दुओं पर पुनर्विचार का आग्रह करते हुए कहा गया था कि बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण का निर्देश देकर ही इस प्रकरण में ‘पूरा न्याय’ हो सकता है.

इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए अब मौलाना मुफ्ती हसबुल्ला, मोहम्मद उमर, मौलाना महफूजुर रहमान और मिसबाहुद्दीन ने दायर की हैं. ये सभी पहले मुकदमें में पक्षकार थे. इन पुनर्विचार याचिकाओं को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का समर्थन प्राप्त है.

भाषा इनपुट