योगी सरकार के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पलटा, एससी में नहीं शामिल होगी OBC की 17 जातियां
प्रतीकात्मक तस्वीर (फाइल फोटो)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 17 अतिपिछड़ी जातियों (Other Backward Castes) को अनुसूचित जाति (Scheduled Castes) की श्रेणी में शामिल करने के योगी सरकार (Yogi Adityanath) के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने पलट दिया है. सोमवार को मामलें की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के पास इस बदलाव का अधिकार नहीं है. केवल देश की संसद ही यह कर सकती है.

गौरतलब हो कि इसी साल 24 जून को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने 17 पिछड़ी जातियों (OBC) को अनुसूचित जाति (SC) में शामिल करने का आदेश जारी किया था. इसके साथ ही अधिकारियों को इन 17 जातियों के परिवारों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश भी दिए गए थे.

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इस कदम को योगी सरकार द्वारा इन सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को आरक्षण का लाभ प्रदान करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. यह इन 17 जाति समूहों द्वारा 15 साल पुरानी मांग तो पूरा करना भी है. इस सूची में जिन जातियों को शामिल किया गया है वे हैं- निषाद, बिंद, मल्लाह, केवट, कश्यप, भर, धीवर, बाथम, मछुआ, प्रजापति, राजभर, कहार, कुम्हार, धीमर, मांझी, तुहा और गौड़, जो पहले अन्य पिछड़ी जातियां (ओबीसी) वर्ग का हिस्सा थे.

गौरतलब हो कि 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित वर्ग में शामिल करने का प्रयास केवल योगी सरकार ने नहीं किया है. इससे पहले सपा और बसपा ने दो बार यह बदलाव करना चाहा था. लेकिन मौजूदा सरकार के जैसे ही कानूनी हस्तक्षेप के कारण ऐसा करने में विफल हो गए थे.