नई दिल्ली: संसद में जारी मानसून सत्र (Monsoon Session) के बीच केंद्र के तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार बातचीत के जरिए समाधान निकालने पर जो दिया है. उन्होंने कहा, "हमने किसानों से नए कृषि कानूनों के संदर्भ में बात की है. किसानों को कृषि कानूनों के जिस भी प्रावधान मे आपत्ति हैं वे हमें बताए, सरकार आज भी खुले मन से किसानों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है. Kisan Sansad: मानसून सत्र के बीच आज से चलेगी 'किसानों की संसद', जंतर-मंतर से दिल्ली की सीमाओं तक बढ़ाई गई सुरक्षा.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, भारत सरकार किसानों से पूरी संवेदनशीलता के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है. वहीं इसके विपरीत विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) ने किसानों पर टिप्पणी करते हुए उन्हें मवाली बता दिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष उनकी आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है.
मीनाक्षी लेखी का बयान
वे किसान नहीं मवाली हैं। इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया: केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर pic.twitter.com/CuFnHzLEFw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2021
कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर मीनाक्षी लेखी ने कहा, "वे किसान नहीं मवाली हैं. इसका संज्ञान भी लेना चाहिए, ये आपराधिक गतिविधियां हैं, जो कुछ 26 जनवरी को हुआ वो भी शर्मनाक था, आपराधिक गतिविधियां थी, उसमें विपक्ष द्वारा ऐसी चीजों को बढ़ावा दिया गया." उन्होंने कहा, ये सारा प्रदर्शन राजनीतिक एजेंडे के तहत चल रहा है.
किसान कर रहे कृषि कानूनों का विरोध
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन पर अखिल भारतीय किसान सभा महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, देश की सरकार किसान विरोधी सरकार है. किसानों को प्रदर्शन करते 8 महीने हो गए हैं लेकिन सरकार के पास समय नहीं है. संसद के सदस्यों को हमने कहा कि आप इस मुद्दे पर दबाव डाले ताकि सरकार बात करें.
हन्नान मोल्लाह ने कहा, किसानों की बात संसद नहीं सुन रही है इसलिए सभी सांसदों को हमने चिट्ठी दिया है कि हमारे वोट से जीते हैं तो ऐसा करें कि हम वोट देते समय याद रखें. ईमानदार हैं तो हमारा सवाल उठाएं. उन्होंने कहा यह विरोध प्रदर्शन 13 अगस्त तक लगातार चलेगा. प्रतिदिन 200 किसान सिंघु बॉर्डर से आएंगे और किसानों के मुद्दे पर चर्चा होगी. आज 3 कानूनों के पहले कानून APMC पर चर्चा हुई. इसके बाद हम कानून को संसद में खारिज करेंगे और संसद से अपील करेंगे कि 'किसान संसद' की बात मानकर कानून खारिज करे.