महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलने पहुंचे अजीत पवार, धनंजय मुंडे व अन्य NCP नेता.
Mumbai: Ajit Pawar, Dhananjay Munde other Nationalist Congress Party (NCP) leaders arrive at Raj Bhavan to meet Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari. pic.twitter.com/hBhBDbpKJx— ANI (@ANI) November 11, 2019
एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा- राज्यपाल का हमें फोन आया है, उन्होंने हमें मिलने के लिए बुलाया है. किस बात के लिए बुलाया है, इसकी जानकारी नहीं है. अब हम राज्यपाल से मुलाकात करेंगे.
Ajit Pawar, NCP: At 8:30 pm the Governor called us and asked me to come to meet him. Along with Chhagan Bhujbal, Jayant Patil and others, I am going to meet him. We have no idea as to why did he call us. Governor is an important person so we are going to meet him. #Maharashtra pic.twitter.com/swT4cekton— ANI (@ANI) November 11, 2019
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा- हमने राज्यपाल को बताया कि हम सरकार बनाने के लिए तैयार हैं. हमने उनसे कम से कम 2 दिन का समय मांगा, लेकिन हमें समय नहीं दिया गया. हम राज्य में सरकार बनाने के प्रयासों में लगे रहेंगे.
Aaditya Thackeray, Shiv Sena: We told the Guv that we're willing to form the govt. We asked him for at least 2 days time but we weren't given time. The claim (to form govt) wasn't denied but the time was. We'll continue to put in efforts to form govt in the state. #Maharashtra pic.twitter.com/BwqSgddKL4— ANI (@ANI) November 11, 2019
आदित्य ठाकरे, एकनाथ शिंदे और शिवसेना के अन्य नेताओं ने मुंबई स्थित राजभवन में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की.
Aaditya Thackeray, Eknath Shinde and other Shiv Sena leaders meet Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhavan in Mumbai. #Maharashtra pic.twitter.com/EKWeO8URAz— ANI (@ANI) November 11, 2019
कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी का समर्थन करेगी. दोनों दलों को सूचित कर दिया गया है. अंतिम कार्यवाही की जा रही है: सूत्र.
Sources: Congress will support Shiv Sena and NCP, both the parties have been informed. Final proceedings are being done. #Maharashtra pic.twitter.com/pLmmGIE7LS— ANI (@ANI) November 11, 2019
विधायक बच्चू काडू भी मुंबई स्थित राजभवन पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि हममें से तीन (निर्दलीय विधायक) यहां आए हैं. जो भी उद्धव साहब तय करेंगे, वही मुख्यमंत्री होंगे.
Bacchu Kadu, Independent Candidate outside Raj Bhavan, Mumbai: Three of us (independent candidates) have come here. Whosoever Uddhav Sahab will decide, will be the Chief Minister. #Maharashtra pic.twitter.com/TiBqUFuufR— ANI (@ANI) November 11, 2019
महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए शिवसेना के प्रयास तेज, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उद्धव ठाकरे ने सोमवार शाम को फोन पर बातचीत की.
Congress interim President Sonia Gandhi and Shiv Sena Chief Uddhav Thackeray had a brief telephonic conversation a short while back pic.twitter.com/DfgYPbW5kD— ANI (@ANI) November 11, 2019
महाराष्ट्र में एक बार फिर राजनीती ने जोर पकड़ा है. चुनाव नतीजों के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल को बता दिया है कि वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं है. अब शिवसेना से पूछा गया है कि क्या वह सरकार बनाना चाहेगी? ऐसे में एक बार फिर शिवसेना, कांग्रेस और NCP एक्टिव हो गए हैं. महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार फिर ट्वीट कर लिखा है कि रास्ते की परवाह करूंगा तो मंजिल बुरा मान जाएगी. इससे साफ पता चल रहा है कि पार्टी का लक्ष्य मुख्यमंत्री पद है.
वहीं गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर दिल्ली सरकार ने 11 और 12 नवंबर को ऑड-ईवन नियमों में छूट देने की घोषणा की है. इन दो दिनों में दिल्ली में उत्सव जैसा माहौल रहेगा. दिल्ली के सिख समुदाय ने गुरुपर्व और नगर कीर्तन के दौरान 11 और 12 नवंबर को ऑड-ईवन में छूट देने की मांग की थी. दिल्ली सरकार ने इसपर गंभीरता से विचार किया और यह फैसला लिया.
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वहीं कश्मीर घाटी में पिछले तीन महीने से बंद रेल सेवा बहाल की जाएगी. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद संभावित खतरों को देखते हुए रेल सेवा बंद की गई थी. 10 नवंबर को ट्रेनों के ट्रायल रन की इजाजत दी गई थी और इसे 11 नवंबर से पूरी तरह बहाल करने का निर्देश दिया गया था. बीते 5 अगस्त को उत्तर कश्मीर के बारामुला से दक्षिण कश्मीर के बनिहाल तक रेल सेवा रोक दी गई थी. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यह फैसला लिया गया था. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर से संघ शासित क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में आ गए हैं.