अमेरिका में रखे अपने सोने को लेकर जर्मनी में चिंता बढ़ी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

अमेरिका के फेडरल रिजर्व में जमा जर्मनी के सोने के भंडार को वापस लाने के लिए देश की धुर दक्षिणपंथी पार्टी मांग करती रही है. डॉनल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद इस लेकर आम लोगों में भी चर्चा हो रही है.जर्मनी के केंद्रीय बैंक यानी बुंडेसबांक के पास दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा भंडार है. 3,352 टन से ज्यादा सोने के इस भंडार का एक तिहाई हिस्सा फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क के पास जमा है. शीत युद्ध और दूसरे विश्व युद्ध के बाद जो वित्तीय तंत्र बना था उसी की वजह से यह सोना वहां रखा गया.

सोना वापस लाने की मांग

इस व्यवस्था को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं. हाल के वर्षों में जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) यह मांग उठाती रही है कि यह सोना देश में वापस लाया जाए.

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के अपने सहयोगी देशों से कारोबार और सुरक्षा के मामले पर तकरार और फेडरल रिजर्व की आलोचनाओं ने इस मुद्दे को बीते कुछ हफ्तों से फिर जिंदा कर दिया है. अब मुख्यधारा की भी कई आवाजें इस बहस में शामिल हो रही हैं.

जर्मनी में अपने सोने को लेकर बढ़ी फिक्र

जर्मनी के करदाता संघ ने इस हफ्ते बुंडेसबांक और वित्त मंत्रालय को पत्र लिख कर मांग की है कि अमेरिका में जमा सोने का भंडार वापस लाया जाए. करदाता संघ के उपाध्यक्ष मिषाएल जेगर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में कहा, "ट्रंप फेडरल रिजर्व को नियंत्रित करना चाहते हैं, इसका मतलब होगा अमेरिका में जमा सोने के भंडार को नियंत्रित करना. यह हमारा पैसा है, इसे वापस लाया जाना चाहिए."

यूरोपीय संसद में जर्मनी की सत्ताधारी पार्टी के एक प्रभावशाली नेता मार्कुस फेर्बर का कहना है कि अमेरिका, "अब एक भरोसेमंद सहयोगी नहीं है, जैसा कि पहले था." फेर्बर ने रॉयटर्स से कहा, "ट्रंप अस्थिर हैं और इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि एक दिन वह फेडरल रिजर्व का कैसे उपयोग करना है, इसे लेकर कोई अनोखा विचार पेश कर देंगे. बुंडेसबांक की सोने के भंडार को लेकर नीति नई भूराजनीतिक सच्चाइयों के अनुरूप होनी चाहिए."

अमेरिका पर कितना भरोसा

बुंडेसबांक का कहना है कि न्यू यॉर्क फेडरल अब भी उसके सोने के "भंडार के लिए एक अहम ठिकाना है." रॉयटर्स के पूछने पर बैंक ने कहा है, "हमें कोई संदेह नहीं कि न्यूयॉर्क फेडरल में हमारे पास सोने के भंडार के लिए एक भरोसमंद और विश्वसनीय सहयोगी है."

जर्मनी के वित्त मंत्रालय ने इस बारे में पूछे सवालों को केंद्रीय बैंक के पास भेज दिया. इसके साथ ही उन्होंने बैंक की स्वायत्तता पर भी जोर दिया. जर्मनी की तरफ अगर फेडरल रिजर्व से सोना हटाने का कोई भी संकेत आता है तो वह राजनीतिक रूप से काफी संवेदनशील होगा. इसे फेडरल रिजर्व और उसकी स्वायत्तता पर घटते भरोसे के रूप में देखा जाएगा.

यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने पिछले हफ्ते फेडरल रिजर्व को अपना भरोसेमंद सहयोगी बताया था. हालांकि ट्रंप आए दिन फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल को निशाना बना रहे हैं. पॉवेल का कार्यकाल इसी साल खत्म हो रहा है. इन परिस्थितियों में भविष्य के लिए फेडरल बैंक की स्वतंत्रता और उसके सहयोगियों के साथ दीर्घकालीन प्रतिबद्धताओं को लेकर शंकाएं उठ रही हैं.

पेटर वोएरिंगर करीब दशक भर पुराने स्वर्ण अभियान के वास्तुकार रहे हैं. अब वह एएफडी के सांसद हैं. उनका कहना है कि इस मुद्दे पर मुख्यधारा की मीडिया और दूसरे सांसदों की चर्चा से उनका पक्ष सही साबित हुआ है. उन्होंने बताया, "जब मैंने सोने के बारे में पूछना शुरू किया तो मुझे एक साजिशकर्ता बता कर खारिज कर दिया गया. आज ट्रंप के बाद मेरी चिंताएं व्यापक रूप से साझा की जा रही हैं."

कहां रखता है जर्मनी अपना सोना

जर्मनी ने अपना सोने का ज्यादातर भंडार 1950-60 के दशक में जमा किया था. यह वो समय था जब खूब निर्यात हो रहा था. न्यूयॉर्क में इसे जमा करने का प्रमुख फायदा यह था कि इसे शीत युद्ध के दौर में सुरक्षित रखा जा सकता था. खासतौर से रूस की तरफ से हमला होने की सूरत में इसकी सुरक्षा को लेकर चिंता थी.

अमेरिका के साथ सैन्य गठजोड़ में भी इस सोने की बड़ी भूमिका थी. जर्मनी के दर्जनों शहरों में आज भी अमेरिकी सेना के अड्डे हैं, जिनमें यूरोप का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा भी शामिल है.

सोवियत संघ तो बहुत पहले खत्म हो चुका. जर्मन केंद्रीय बैंक 2014 से 2017 के बीच करीब 300 टन सोना वापस लेकर आया. उस दौरान बैंक का कहना था कि वह "देश के अंदर भरोसा बढ़ाना चाहता है." हालांकि यूक्रेन पर रूस के हमले और फिर बाकी यूरोप के लिए खतरों की आशंका ने जर्मनी के लिए भूराजनीतिक समीकरणों को फिर से जटिल बना दिया है.

फेर्बर ने इस बात पर जोर दिया कि इस वक्त कई ठिकानों और नई संभावित जगहों के बीच विविधता लाने की जरूरत है. फिलहाल जर्मनी के सोने के भंडार फ्रैंकफर्ट में बुंडेसबांक के मुख्यालय, न्यूयॉर्क और लंदन में बैंक ऑफ इंग्लैंड के पास हैं. फेर्बर का कहना है, "सोने के भंडार के लिए विविधता जरूरी है. सारे अंडे कुछ ही टोकरियों में रखने की सलाह कभी नहीं दी जा सकती." हालांकि फेर्बर ने सोना वापस लाने के बारे में कुछ नहीं कहा.

जर्मन संसद में सीडीयू के प्रवक्ता फ्रित्स गुएंत्सलर का कहना है कि फेडरल रिजर्व पर भरोसा नहीं करने का कोई कारण नहीं है लेकिन बुंडेसबांक को सोने के "भंडार का नियमित रूप से निरीक्षण करते रहना चाहिए."

बुंडेसबांक का कहना है कि वह नियमित रूप से नमूनों का परीक्षण करता है और उसने बीते सालों में न्यूयॉर्क के 13 फीसदी सोने की जांच की है.