उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एक बड़ी कानूनी कार्रवाई सामने आई है. मऊ सदर से विधायक और बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी (Abbas Ansari Sentenced) के बेटे अब्बास अंसारी को कोर्ट ने हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) के मामले में दो साल की सजा और ₹3000 का जुर्माना सुनाया है. यह फैसला मऊ जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. केपी सिंह ने सुनाया.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला 3 मार्च 2022 का है. उस समय उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहे थे. इसी दौरान अब्बास अंसारी ने मऊ के पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सरकारी अधिकारियों को धमकी दे डाली थी. उन्होंने कहा था कि अगर उनकी सरकार बनी तो वे अधिकारियों से “ठीक से हिसाब-किताब करेंगे”. इस बयान को लेकर खूब विरोध हुआ.
FIR कैसे और क्यों हुई?
अब्बास के इस भड़काऊ भाषण पर मऊ कोतवाली के तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी. यह एफआईआर आईपीसी की 6 धाराओं में की गई थी.
किन धाराओं में केस दर्ज हुआ?
अब्बास अंसारी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की ये धाराएं लगाई गई थीं:
- धारा 506: आपराधिक धमकी
- धारा 171F: चुनाव में गलत प्रभाव डालना
- धारा 186: सरकारी काम में बाधा डालना
- धारा 189: सरकारी अफसर को धमकाना
- धारा 153A: दो समुदायों के बीच नफरत फैलाना
- धारा 120B: आपराधिक साजिश
इन सभी धाराओं में सुनवाई के बाद कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दोषी पाया और सजा सुनाई.
सह आरोपी को भी सजा
इस केस में अब्बास अंसारी के साथ मंसूर अंसारी नाम के व्यक्ति को भी आरोपी बनाया गया था. कोर्ट ने उन्हें 6 महीने की सजा और ₹1000 जुर्माना लगाया है.
मामला क्यों है खास?
यह मामला इसलिए भी अहम है क्योंकि अब्बास अंसारी सिर्फ विधायक ही नहीं, बल्कि पूर्व सांसद और माफिया छवि वाले नेता मुख्तार अंसारी के बेटे भी हैं. राजनीतिक और कानूनी दोनों नजरों से यह फैसला बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है.













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