जन्मदिन विशेष: एक्टर बनने से पहले थे अकाउंटेंट थे देव आनंद, जानें उनके फिल्मी करियर से जुड़ी ये खास बातें
देव आनंद (Photo Credits: Instagram/Facebook)

धरम देवदूत पिशोरीमल आनंद उर्फ देव आनंद फिल्मी जगत में एक खास शख्सियत के रूप में जाने जाते हैं. भारतीय सिनेमा में उनका योगदान अतुलनिय रहा है. वो एक ऐसे प्रभावशाली कलाकार थे जिन्होंने काफी कम समय में लोगों के दिलों में अपनी जगह कायम कर ली. एक एक्टर होने के साथ ही वो एक लेखक, फिल्म निर्देशक और प्रोड्यूसर भी थे. अपने करियर में उन्होंने तकरीबन 116 फिल्मों में काम किया जिसमें से 114 हिंदी फिल्में थी और दो अंग्रेजी. उनका जन्म आज ही के दिन सन 1923 में हुआ था.

उन्होंने अपनी स्कूलिंग सेक्रेड हार्ट स्कूल, डलहौजी (जो उस दौरान पंजाब में हुआ करता था) से की. इसके बाद वो कॉलेज के लिए धर्मशाला गए जिसके बाद वो लाहौर गए. उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज, लाहौर से इंग्लिश लिटरेचर में अपनी बीए की डिग्री हासिल की.

मुंबई में संघर्ष भरे दिनों के दौरान उन्होंने यहां पर एक क्लर्क के तौर पर अकाउंटेंट का काम किया. उस समय उन्हें महज 85 रूपए पगार के तौर पर मिलते थे. इसके बाद उन्होंने मिलिट्री सेंसर ऑफिस में काम किया जहां उन्हें 160 रुपए तनख्वाह मिलती थी. इसके बाद ही वो एक एक्टर बनने के सफर पर निकल पड़े.

 

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It's my one of the most favorite song of Dev 😍❤. It has been beautifully picturized on a school bus. Dev, playing a school bus driver, picks up school kids in this bus and signs this song to school kids boarding his bus. In this song, he's seen directing this song especially at a kid, who is sad and Dev signs this song in a bid to cheer her up ❤. Omg 😭 that girl is so lucky that she worked with Dev as a child artist ❤. Ufff!! for me Dev's smile is enough to make my day beautiful 😍❤. It has been beautifully sung by Rafi Sahab, composed by Shankar Jaikishan and penned by Hasrat Jaipuri ❤👏. Enjoy this lovely track ❤. Movie - Asli Naqli 1962 . . . #oldbollywoodmovies#aslinaqli#devanand#devanandworld#mohammadrafi#legendofbollywood

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‘अछूत कन्या’ और ‘किस्मत’ जैसी फिल्मों में अशोक कुमार के काम को देखने के बाद उनमें एक्टर बनने के लिए हौसला मिला.

अशोक कुमार, देव आनंद और फरयाल (Photo Credits: Facebook)

भाग्यवश अशोक कुमार ने ही उन्हें उनके करियर का पहला ब्रेक दिया. उन्होंने देव आनंद को फिल्म स्टूडियो के पास घुमते देखा. इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘जिद्दी’ में उन्होंने देव आनंद को हीरो को रोल ऑफर किया. इस फिल्म में एक्ट्रेस कामिनी कौशल ने भी काम किया था.

अपने 65 वर्ष के फिल्मी करियर में उन्होंने 114 फिल्मों में काम किया. इनमें से 104 फिल्म में वो लीड एक्टर थे.

 

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🎵🎵Dil Ka Bhanwar Kare Pukar Pyaar Ka Raag Suno Pyaar Ka Raag Suno Re Hooooo...🎵🎵 . . . Very beautiful song from movie Tere Ghar ke Samne starring Dev Anand and Nutan in lead roles and very brilliantly sung by Mohammed Rafi. . . 👇Dev- Nutan's Chemistry 👇 . 👉Forget the fact that Dev Anand had just breasted 40( he looks at least a decade younger) and forget the fact that this film was the comeback of Nutan's after the birth of the son Mohnish. These two stars together mean surefire chemistry. . 👉 Dev Anand exudes boyish charm and looks totally besotted . He makes a confident suitor while Nutan thankfully does away with exaggerated coquetry or coyness. . . And you know if you will notice this song carefully, director Vijay Anand made a cameo appearance in this song. Here's the man going up while Rakesh( Dev Anand) and Sulekha( Nutan)making their way downwards, catching them at an embarrassing moment. You can see the man with spectacles😎😎. . . All the songs of this movie were very technically made. In the tittle song " Ek Ghar Banoga Tere Ghar ke Samne ", Nutan was showed inside a glass filled with whisky. In those days, it required very special skill to shoot the song in that way. . . . . #devanand #nutan #devanandworld #rafi #oldbollystars

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1940 के दौरान उन्हें कुछ लीड रोल्स ऑफर किए गए थे जिसमें सिंगर-एक्ट्रेस सुरैया फीमेल लीड थी. फिल्म ‘विद्या’ के सॉन्ग ‘किनारे किनारे चले जाएंगे’ की शूटिंग के दौरान सुरैया को देव आनंद से प्यार हो गया. उस समय वो और देव एक बोट में सवार थे जब अचानक किसी वजह से बोट पलट गई. तब देव आनंद ने उन्हें डूबने से बचाया. फिल्म ‘जीत’ के सेट पर आनंद ने सुरैया को एक डायमंड रिंग देकर प्रोपोज किया. वो रिंग करीब 3000 रूपए की बताई जा रही है.

फिल्मों के साथ ही वो पॉलिटिक्स में भी काफी सक्रिय. उस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू की गई इमरजेंसी के समय उन्होंने फिल्मी जगत से कई नामचीन हस्तियों को एकजुट किया और इंदिरा गांधी की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई.

2001 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया. इसके बाद 2002 में उन्हें दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया.

पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम और देव आनंद (Photo Credits: Facebook)

3 दिसंबर, 2011 को 88 साल की उम्र में लंदन में उनका निधन हो गया.