लोकसभा चुनाव 2019: PM मोदी के सपोर्ट में उतरे अनुपम खेर, BJP को वोट न देने की अपील करने वाले सेलिब्रिटीज को लगाई फटकार
अनुपम खेर (Photo credits : Facebook)

लोकसभा चुनाव 2019 (Loksabha Elections 2019) की शुरुआत अगले हफ्ते 11 अप्रैल से होने जा रही है और ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियों के बीच चुनाव को लेकर गर्मागर्मी शुरू हो गई है. इसका असर अब फिल्म इंडस्ट्री पर भी काफी हद तक देखने को मिल रहा है. हाल ही में भारतीय सिनेमा (Indian Cinema) और कला के क्षेत्र से कई सारे लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और उनकी भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के खिलाफ अपील करते हुए कहा कि उन्हें वोट न दिया जाए.

इस बात को सुनने के बाद अब अभिनेता अनुपम खेर भड़क उठे हैं. उन्होंने ट्विटर पर इन सभी लोगों को फटकार लगाते हुए मौजूदा सरकार के समर्थन में कहा, "मेरे समाज (फिल्म इंडस्ट्री) के कुछ लोगों ने एक पब्लिक लैटर जारी करते हुए कहा है कि आनेवाले चुनाव में संविधान द्वारा चुनी गई मौजूदा सरकार को वोट न करके उन्हें हटा दिया जाए. दूसरे शब्दों में कहें तो ये लोग आधिकारिक तौर पर दूसरी पार्टियों के लिए प्रचार कर रहे हैं. अच्छा है!! कम से कम और कोई बहाना तो नहीं. महान."

आपको बता दें कि बीजेपी के खिलाफ लैटर जारी करते हुए अमोल पालेकर (Amol Palekar), गिरीश कर्नाड, एमके रैना, नसीरूद्दीन शाह, अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) , कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह, मकरंद देशपांडे और उषा गांगुली जैसी मशहूर हस्तियों का नाम शुमार है. 12 भाषाओं में पत्र लिखकर ये अपील की गई है. आर्टिस्ट यूनाइट इंडिया की वेबसाइट पर ये पत्र उपलब्ध है.

पत्र में लिखा गया है कि, "आने वाले लोकसभा चुनाव भारत के इतिहास के सबसे ज्यादा गंभीर चुनाव है. आज के दौरे में गीत, नृत्य, हास्य जैसे क्षेत्र खतरें में है. हमारा संविधान भी खतरें में है. सरकार ने उन संस्थानों का दम घोंट दिया है जहां पर तर्क, बहस और असहमति पर वार्तालाप हो सकती थी. बिना सवाल, बहस और सजग विपक्ष के कोई लोकतंत्र देश नहीं चल सकता. सरकार ने पूरी ताकत को नष्ट कर दिया है."

सभी हस्तियों ने लोगों से ये गुजारिश की है कि इस बार बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए वोट करें और संविधान की रक्षा करें. लिलेट दुबे, मीता वशिष्ठ, महेश एलकुंचवार, महेश दत्तानी जैसी कई हस्तियों ने भी इस पत्र पर साइन किए हैं. बता दें इससे  पहले तकरीबन 200 लेखक भी नफरत की राजनीति का समर्थन न करने की अपील कर चुके हैं