देश की खबरें | विहिप नेता की हत्या का मामला : बीकेआई आतंकवादी वधावा सिंह समेत छह के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल

नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने इस साल अप्रैल में पंजाब में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता विकास प्रभाकर की हत्या के मामले में प्रतिबंधित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के पाकिस्तान स्थित प्रमुख वधावा सिंह और पांच अन्य आतंकवादियों के खिलाफ शुक्रवार को आरोपपत्र दाखिल किया।

विकास बग्गा के नाम से पहचाने जाने वाले प्रभाकर की 13 अप्रैल 2024 को पंजाब के रूपनगर जिले के नंगल में उनकी दुकान में बीकेआई के एक मॉड्यूल के आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।

एनआईए द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, आरोपपत्र में बीकेआई प्रमुख वधावा सिंह उर्फ बब्बर के साथ ही दो अन्य फरार आरोपी और तीन गिरफ्तार आरोपियों को हत्या का मुख्य अपराधी बताया गया है।

गिरफ्तार किए गए तीन में से दो आरोपियों की पहचान शूटर मनदीप कुमार उर्फ मांगली और सुरिंदर कुमार उर्फ रीका के रूप में की गयी है। दोनों पंजाब के नवांशहर के रहने वाले हैं।

आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता और शस्त्र कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

एनआईए ने बताया कि आरोपपत्र में नामजद तीसरा गिरफ्तार आरोपी गुरप्रीत राम उर्फ गोरा है जो नवांशहर का ही रहने वाला है और उस पर शस्त्र कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

तीनों फरार आरोपी गिरफ्तार आरोपियों के हैंडलर बताए जा रहे हैं।

पाकिस्तान में रह रहे बब्बर के साथ ही नवांशहर का हरजीत सिंह उर्फ लाड्डी और हरियाणा के यमुनानगर का कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू ने हत्या को अंजाम देने के लिए हथियार और धन उपलब्ध कराया था।

नौ मई 2024 को राज्य पुलिस से मामले की जांच संभालने वाली एनआईए ने इस घातक आतंकवादी हमले के पीछे बीकेआई की अंतरराष्ट्रीय साजिश का पता लगाया।

एनआईए की जांच के अनुसार, बीकेआई मॉड्यूल के विभिन्न देशों में रह रहे कई सदस्य इस हमले को अंजाम देने के लिए एकजुट हुए।

जांच में पाया गया कि पाकिस्तान वधावा सिंह ने अभी जर्मनी में रह रहे हरजीत सिंह और कुलबीर सिंह को हत्या करने का निर्देश दिया।

एनआईए ने बताया कि जांच में दुबई स्थित साजोसामान प्रदाता और भारत स्थित हथियार आपूर्तिकर्ताओं की भूमिका भी सामने आई है और मामले की जांच जारी है।

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